CM ने सदन में पेश किया संशोधन विधेयक, संस्कृत बनेगी हिमाचल में दूसरी राजभाषा

punjabkesari.in Thursday, Feb 14, 2019 - 10:55 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में संस्कृत अब दूसरी राजभाषा के रूप में स्थान लेगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वीरवार को सदन में इससे संबंधित हिमाचल प्रदेश राजभाषा संशोधन विधेयक, 2019 को पेश किया। इस संशोधन विधेयक में कहा गया है कि संस्कृत अधिकतर भारतीय भाषाओं का मूल है। भारत में आम जनता और बुद्धिजीवी वर्ग की तरफ से इस भाषा का व्यापक प्रयोग किया गया है जिसका इतिहास साक्षी है। यहां तक कि आज भी संस्कृत कम्प्यूटरीकरण में सुगमतापूर्वक अनुकूलनीय है। विभिन्न प्राचीन शास्त्रों, विज्ञानों, साहित्य रस-विधा, रूपक-नाटकों, गणित, आयुॢवज्ञान और योग आदि में प्रतिष्ठापित हमारी सांस्कृतिक विरासत को पढऩे के लिए यह उपयोगी साधन है। सभी स्कूलों में 8वीं कक्षा तक इसे अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। इसे देखते हुए संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा देने के लिए हिमाचल प्रदेश राजभाषा अधिनियम, 1975 (1975 का अधिनियम संख्याक 1) में संशोधन किया जा रहा है।

अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर खुलेगी मैडीकल यूनिवर्सिटी

हिमाचल प्रदेश में खुलने वाली मैडीकल यूनिवर्सिटी का नाम अब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने इससे संबंधित हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2019 को विधानसभा में पेश किया। विधेयक में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी में कुलपति (वी.सी.) पद के लिए 70 साल तक की आयु तय की गई है। इस स्थिति में आई.जी.एम.सी. और टी.एम.सी. सहित अन्य सरकारी मैडीकल कालेजों से सेवानिवृत्त हुए डाक्टरों को मैडीकल यूनिवर्सिटी में कुलपति की कुर्सी मिल सकती है। मैडीकल यूनिवॢसटी को मंडी जिला के नेरचौक में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। इस तरह पूर्व कांग्रेस सरकार की तरफ से मैडीकल यूनिवर्सिटी को लेकर लाए गए विधेयक में संशोधन करने का प्रस्ताव है।

शिक्षा विभाग ने 550 स्थानों पर लगाईं बायोमीट्रिक मशीनें

शिक्षा विभाग की तरफ से राज्य में 550 स्थानों पर बायोमीट्रिक मशीनों को लगाया गया है जिसके माध्यम से शिक्षक एवं गैर-शिक्षक कर्मचारी अपनी हाजिरी लगाते हैं। ये मशीनें सरकारी कालेजों, सीनियर सैकेंडरी, हाई, मिडल और प्राइमरी स्कूलों में लगाई गई हैं। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विधायक जगत सिंह नेगी की तरफ से पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिक्षण संस्थानों में बायोमीट्रिक मशीनों को चरणबद्ध तरीके से धनराशि उपलब्ध होने पर लगाए जाने का क्रम जारी रहेगा।


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Vijay

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