Basant Panchami 2019 : कैसे हुआ मां सरस्वती का अवतरण ?

punjabkesari.in Saturday, Feb 09, 2019 - 11:24 AM (IST)

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हमारे हिंदू धर्म में बसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन से ठंड कम होने लग जाती है और मौसम सुहावना होने लग जाता है। इस साल ये त्योहार 10 फरवरी 2019 यानि कल मनाया जाएगा। बसंत पंचंमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा करने का विधान बताया गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि अगर कोई विद्यार्थी इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना सच्चे मन से करे तो उसे अपनी परीक्षा में सफलता जरूर मिलती है।
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इस दिन सरस्वती चालीसा का पाठ हर किसी को अवश्य पढ़ना या सुनना चाहिए। इससे माता की कृपा पूरे परिवार पर बनी रहती है। अलग-अलग जगहों में इस त्योहार को अलग-अलग रूप से मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किसी पीली रंग की मिठाई का भोग मां सरस्वती को लगाना चाहिए और इसके साथ ही किसी पीली वस्तु का दान करने से बहुत लाभ प्राप्त होता है। आइए आज हम आपको देवी सरस्वती के अवतरण की कथा के बारे में बताते हैं।
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एक पैराणिक कथा के अनुसार जब सृष्टि की रचना का काम भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी को दिया तब वे इस बात से खुश नहीं थे। सृष्टि निर्माण के बाद उदासी से भरा वातावरण देख वे विष्णु जी के पास गए और सुझाव मांगा। फिर विष्णु जी के मार्गदर्शन के अनुसार उन्होंने अपने कमंडल से जल लेकर धरती पर छिड़का। तब एक चतुर्भुज सुंदरी प्रकट हुई और जिसने जीवों को वाणी प्रदान की। यह देवी विद्या, बुद्धि और संगीत की देवी के रूप में जानी जाने लगी। उनके अवतरण से वातावरण संगीतमय और सरस हो उठा इसलिए उन्हें सरस्वती देवी कहा जाने लगा। इसलिए इस दिन सरस्वती देवी का जन्म बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है और इनकी पूजा भी की जाती है। इस दिन लोग अपने घरों में सरस्वती यंत्र स्थापित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन 108 बार सरस्वती मंत्र के जाप करने से अनेक फायदे होते हैं।  
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