ISI व पंजाब के गैंगस्टरों का कनैक्शन उत्तर भारत के लिए खतरे की घंटी

punjabkesari.in Saturday, Jan 19, 2019 - 01:44 PM (IST)

अमृतसर(संजीव): पंजाब के गैंगस्टर आज पूरी तरह से पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. के सम्पर्क में हैं, जो राज्य के लिए ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए खतरे की घंटी बने हुए हैं। खुफिया एजैंसियां भी इस बारे में सरकारों को बता चुकी हैं कि अगर जल्द ही कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई तो आगामी समय में ये गैंगस्टर कई राज्यों में भारी नुक्सान कर सकते हैं। 

पंजाब में आतंकवाद सुलगाने की फिराक  में खालिस्तानी नेता
एक तरफ पाकिस्तान से आप्रेट करने वाले कुछ आतंकी संगठन इन गैंगस्टरों से पंजाब में गड़बड़ी फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विदेशों में बैठे कुछ आतंकी पंजाब में अपने स्लीपर सैल रिक्रूट करने के लिए लाखों रुपए की फंडिंग कर रहे हैं। हाल ही में गिरफ्तार किए गए अमृतसर निरंकारी भवन पर ग्रेनेड हमले के दोषियों से भी इस बात का खुलासा हो चुका है कि किस तरह से आई.एस.आई. व खालिस्तानी गुट पंजाब को एक बार फिर आतंकवाद की आग में झोंकने के साथ अपनी जड़े फैलाने का काम कर रहे हैं।

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सोशल मीडिया के जरिए फैला रहे है दहशत
कुछ समय से पंजाब के गैंगस्टर जहां अपनी गतिविधियां चलाने के लिए सोशल मीडिया का खुलकर इस्तेमाल कर दहशत फैला रहे हैं, वहीं इसे एक हथियार भी बना लिया है। पंजाब की जेलों में बैठे कुख्यात गैंगस्टर अपनी आपराधिक गतिविधियों को अपडेट करने के लिए बकायदा फेसबुक पर डालते हैं, हर गैंगस्टर का अपना एक फेसबुक पेज है जिसे समय-समय पर अपडेट किया जा रहा है। कुछ गैंगस्टरों की तो फेसबुक विदेशों से आप्रेट की जा रही है। पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह दाहा उर्फ बाबा ने भी पंजाबी गायक परमेश वर्मा पर किए जानलेवा हमले की जिम्मेदारी अपनी फेसबुक पेज के जरिए ली थी। 

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सोशल मीडिया पर बढ़ रही हैं गैंगस्टरों की सरगर्मियां
इसमें सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए एक गुर्गा भी हायर कर रखा था जिसे बाद में पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में अमृतसर के कुख्यात गैंगस्टर करन मस्ती के शव की बरामदगी के उपरांत उसके साथियों ने उसकी मौत को सोशल मीडिया पर अपडेट किया और बहुत से गैंगस्टरों ने इस पर अपना शोक भी व्यक्त किया था। यही कारण है कि सोशल मीडिया में खास कर फेसबुक व व्हाट्सएप पर बढ़ रही गैंगस्टरों की सरगर्मियों को देखते हुए पंजाब पुलिस द्वारा बकायदा साइबर सैल का गठन किया गया है। पुलिस साइबर सैल को जिला स्तर पर लाकर गैंगस्टरों की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है। पुलिस सूत्रों की मानें तो बहुत से गैंगस्टरों को सोशल मीडिया से मिले लिंक के जरिए गिरफ्तार भी किया जा चुका है। 

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जेलों में कैद हैं 400 से अधिक गैंगस्टर    
पंजाब पुलिस के खुफिया विभाग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार पंजाब की जेलों में 400 से अधिक गैंगस्टर कैद हैं। इसके अतिरिक्त आधा दर्जन से अधिक गैंग पंजाब के विभिन्न जिलों में अपनी दहशत बनाए हुए हैं। अंदर बैठे गैंगस्टरों के 50-50 से अधिक साथी बाहर उनके लिए काम कर रहे हैं। इससे यह साफ हो रहा है कि जितने गैंगस्टर पंजाब की जेलों में बंद हैं उतने ही जेलों के बाहर दहशत बनाए हुए हैं। 

जयपाल गैंग 

यह एक खूंखार गैंग है, जिसका सरगना फिरोजपुर के एक सेवानिवृत्त पुलिस सहायक इंस्पैक्टर का बेटा है। इस गैंग के विरुद्ध पंजाब, हिमाचल, हरियाणा व राजस्थान के कई थानों में 40 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। 

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जग्गू गैंग 

जग्गू गैंग भी माझा क्षेत्र में लगातार अपनी दहशत बनाए हुए है जिसका सरगना जग्गू भगवानपुरिया बेशक पटियाला जेल में बंद है लेकिन बाहर बैठे उसके साथी आए दिन आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर लोगों में दहशत फैलाए हुए हैं। जग्गू गैंग पर पिछले 3 वर्षों के दौरान हत्या, डकैती, लूटपाट व अन्य कई संगीन मामले दर्ज हैं। 

सुप्रीत सिंह उर्फ हैरी चट्ठा गैंग 

यह भी पूरी तरह सक्रिय है, जिस पर अपहरण, गैंगवार, फिरौती, डकैती के कई मामले दर्ज हैं। हैरी चट्ठा पुलिस की गिरफ्त से बाहर है और कई बार शहरों में बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है। हैरी चट्ठा पर नाभा जेल ब्रेक कांड का भी आरोप है, हैरी व गोपी घनश्यामपुरिया मिलकर कई अपहरण जैसी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। पिछले समय के दौरान उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर गोपी घनश्याम पुरिया गैंग के मारे जाने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी, जबकि यह माना जा रहा है कि गोपी मर चुका है। 
  
गैंगस्टरों की बोलती है तूती 
आज पंजाब में गैंगस्टरों की तूती बोलती है। सोशल मीडिया पर खुलेआम गैंगस्टरों द्वारा दी जाने वाली चेतावनी किसी से छुपी नहीं है। पंजाब की जेलों में बैठ सोशल स्टेटस अपडेट किए जा रहे हैं। जेलों में बंद गैंगस्टर अपनी दहशत का साम्राज्य अंदर से ही चला रहे हैं। बेशक पुलिस सूचना मिलने पर इन जेलों में कई बार छापामारी कर चुकी है मगर जहां यह बड़ा सवाल है कि जेलों में बैठे कुख्यात गैंगस्टरों के पास मोबाइल फोन व अन्य सामान कैसे पहुंच रहा है और ये किस तरह अंदर बैठकर उन्हें आप्रेट करते हैं। यह सरकार की नाकामी का चेहरा है। अगर जेलों में बैठे गैंगस्टरों व अपराधियों का समाज के साथ लिंक पूरी तरह से तोड़ दिया जाए तो लोगों में फैल रही इनकी दहशत को रोका जा सकता है। इसके लिए पंजाब सरकार एवं पुलिस प्रशासन की इच्छा शक्ति का होना जरूरी है। अगर जल्द ही गैंगस्टरों पर शिकंजा कसने के लिए कोई ठोस रणनीति न बनाई गई तो आने वाले लोक सभा चुनावों के दौरान हो सकता है कि राजनीतिक दल इन्हें एक-दूसरे के विरोध में इस्तेमाल करें जिससे लोगों को भारी नुक्सान का सामना करना पड़ेगा।

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कुछ सुलगते सवाल
*क्या पुलिस नहीं चाहती गैंगस्टरों को पूरी तरह से खत्म करना?
*क्या गैंगस्टरों को कहीं भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों का संरक्षण तो नहीं मिला हुआ?
*क्या इनकी पीठ पर कहीं राज नेता तो नहीं बैठे हुए?
*पंजाब का साइबर अपराध सैल क्यों नहीं जेलों से इस्तेमाल हो रहे मोबाइलों को ट्रैप करता?
 


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swetha

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