धन और सुख के लिए आज ही करें ये काम, फिर देखें कमाल

punjabkesari.in Saturday, Jan 19, 2019 - 11:32 AM (IST)

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लग्जरी लाइफ पाने के लिए व्यक्ति हर संभव प्रयास करता है। कई बार व्यक्ति की विद्वानों द्वारा बताए गए कुछ उपायों को करने की इच्छा तो होती है लेकिन आर्थिक कारणों से उन उपायों को नहीं कर सकते। ऐशो-आराम पाने के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा होता है वास्तु दोष। इसे दूर करने के लिए बिना कुछ खर्च किए विशेष मंत्रों के जाप से धन और सुख की प्राप्ति की जा सकती है।

PunjabKesariउत्तर दिशा मंत्र: इस दिशा को वास्तु दोष से मुक्त करने और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए उत्तर दिशा के देवता कुबेर का मंत्र जाप करें।  ऊँ कुबेराय नमः
 
उत्तर-पश्चिम दिशा मंत्र: इस दिशा के स्वामी चन्द्रमा और वायु देव हैं। इस दिशा को दोष मुक्त करने के लिए चन्द्र मंत्र ऊँ चन्द्रमसे नमः और वायु देव के मंत्र ऊँ वायवै नमः का जप करने पर पुराने से पुराने रोग में भी मुक्ति पाई जा सकती है।

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दक्षिण दिशा मंत्र: इस दिशा के स्वामी मंगल और देवता यम हैं। इस दिशा से वास्तुदोष को समाप्त करने के लिए प्रतिदिन ऊँ अं अंगारकाय नमः और यम मंत्र ऊँ यमाय नमः का जाप करने से वास्तुदोष के साथ-साथ पापों से भी मुक्ति मिलती है। 
 
दक्षिण-पूर्व दिशा मंत्र: इस दिशा के स्वामी शुक्र और देवता अग्नि हैं। व्यवसाय में तरक्की, नौकरी में मनचाही सफलता और वास्तुदोष से राहत पाने के लिए शुक्र अथवा अग्नि के मंत्र का जप करें। शुक्र मंत्र ऊँ शुं शुक्राय नमः, अग्नि देव मंत्र ऊँ अग्नेय नमः

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पूर्व दिशा मंत्र: इस दिशा के स्वामी सूर्य नारायण और देवता देवराज इंद्र हैं। जगत में सूरज की भांति चमकने और वास्तुदोष को समाप्त करने के लिए सूर्य मंत्र ' ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः का जाप करें। इन्द्र देव की कृपा प्राप्त करने के लिए ऊँ इन्द्राय नमः मंत्र का जाप करें।
 
पूर्व-उत्तर दिशा मंत्र: इस दिशा के स्वामी बृहस्पति और देवता भगवान शिव माने गए हैं। सुखी गृहस्थ जीवन व्यतित करने और इस दिशा के अशुभ प्रभावों का नाश करने के लिए ऊँ बृं बृहस्पतये नमः और ऊँ नमः शिवाय का मंत्र जाप करें।

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पश्चिम दिशा मंत्र: इस दिशा के स्वामी शनि देव और वरूण हैं। यहां किचन बनाना मुसीबतों को खुला निमंत्रण देने के बराबर है।  बुरे कर्मों के परिणामों से बचने और वास्तु दोष से मुक्ति के लिए शनि मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।
 
दक्षिण-पश्चिम: इस दिशा के स्वामी राहु और देवता नैऋत हैं। घर-परिवार को रोगों से बचाने और वास्तुदोष को समाप्त करने के लिए ऊँ रां राहवे नमः और ऊँ नैऋताय नमः मंत्र का जाप करें। 

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Niyati Bhandari

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