दूषित पेयजल पीने से खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं लोग

punjabkesari.in Friday, Jan 18, 2019 - 01:34 PM (IST)

 

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): मालवा क्षेत्र के चर्चित जिला श्री मुक्तसर साहिब जो राज्य की सियासत का आधार माना जा रहा है, के बहुत से गांवों में भूजल पीने योग्य नहीं है और यह दूषित हो गया है। इस वजह से ये गांव पिछले 2 दशकों से कैंसर व काला पीलिया जैसी भयानक बीमारियों की चपेट में आए हुए हैं और उपरोक्त बीमारियों के कारण जिले में कई मौतें हो चुकी हैं तथा अभी भी अनेक व्यक्ति पीड़ित हैं।

डाक्टरों के अनुसार कैंसर व काला पीलिया जैसी खतरनाक बीमारियां पीने वाले दूषित पेयजल पीने के कारण ही फैली हैं। जब दूषित पेयजल का शोर ज्यादा पड़ गया था तो दशक पहले राज्य में प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली अकाली दल की सरकार के समय एक प्राइवेट कंपनी के सहयोग से पंजाब सरकार ने गांवों में आर.ओ. सिस्टम लगवाए थे ताकि लोगों को शुद्ध पानी पीने के लिए मिल सके।वहीं कुछ गांवों में तो यह आर.ओ. सिस्टम शुरू में ही सही ढंग के साथ नहीं चले थे क्योंकि गांवों में गुटबंदियां थीं, सियासी बोलबाला था और अच्छे पानी की जगह यह आर.ओ. सिस्टम लगा ही वहां दिए थे, जहां धरती निचला पानी खारा व खराब था। ऐसे स्थानों पर टी.डी.एस. की मात्रा 2 से 3 हजार तक थी, इसलिए यह आर.ओ. सिस्टम ऐसे स्थानों पर बहुत कामयाब नहीं हुए।

दूसरी ओर जिले में कई गांव ऐसे हैं, जहां लोगों को पीने के लिए साफ पानी देने के लिए लगाए गए यह आर.ओ. सिस्टम पिछले 4 सालों से बंद पड़े हैं। न तो वापस इनको लाने वाली प्राइवेट कंपनियों ने बात पूछी और न सरकार व जिला प्रशासन ने सुध ली। सियासी नुमाइंदे तो इस तरफ बिल्कुल ही नहीं देखे, जिस कारण ऐसे गांवों के लोग खास कर गरीब लोग आर.ओ. वाले पानी से वंचित हो गए।

गांव रहूडिय़ांवाली के पूर्व मैंबर पंचायत केवल सिंह ने बताया कि उनके गांव गुरुद्वारा साहिब में लगा आर.ओ. सिस्टम 4 सालों से बंद पड़ा और कबाड़ बना पड़ा है। गांव गंधड़ के परगट सिंह ने कहा कि यहां भी आर.ओ. सिस्टम टूटा पड़ा और कई सालों से बंद पड़ा है। गांव खुंडे हलाल के डा. गुरसेवक सिंह ने भी यही कहा कि यहां भी 4 सालों से बंद पड़े आर.ओ. सिस्टम की किसी ने सुध नहीं ली। गांव रामगढ़ चूंघा के समाज सेवक जगसीर सिंह ने बताया कि यहां तो जब का आर.ओ. सिस्टम लगाया, बस कुछ समय ही चला था और अब कई सालों से बंद पड़ा है। चक्क काला सिंह वाला, बाम, गोनियाना, दबड़ा और कई अन्य गांवों में भी आर.ओ. सिस्टम बंद पड़े हैं। नई बनी पंचायतों का यह फर्ज बनता है कि सबसे पहले लोगों को पीने के लिए आर.ओ. वाला साफ-सुथरा पानी मुहैया करवाने के लिए बंद पड़े आर.ओ. सिस्टम चालू करवाए जाएं ताकि आगे से तो लोग बीमारियों से बच सकें।

कई ग्रामीण जलघरों की हालत भी खराब
पंजाब सरकार ने ग्रामीण जलघरों को कई साल पहले जल सप्लाई और सैनीटेशन विभाग के पास से सभी अधिकार लेकर पंचायतों के हवाले कर दिया था परन्तु पंचायतों के पास से जलघर सही ढंग के साथ चल नहीं रहे। कुल मिलाकर ग्रामीण जलघरों की हालत भी खराब ही है। जब कोई खराबी हो जाती है तो फिर जल्द ठीक नहीं करवाया जाता और कई-कई दिन जलघर की टूटियों का पानी बंद रहता है। जो कमेटियां जलघरों को चलाने के लिए गांवों में बनाई गई थीं, उनमें से भी कमेटियां गुटबंदी का शिकार हो गईं। कुल मिलाकर अनेक गांवों में लोगों को जलघर की टूटियों का पानी समय से नहीं मिल रहा। लोगों की मांग है कि पंचायतों और कमेटियों के पास से अधिकार वापस लेकर संबंधित विभाग को ही जलघरों का चार्ज दिया जाए।


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Anjna

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