महिलाएं आज भी झेल रही हैं Periods से जुड़े ये अत्याचार

punjabkesari.in Thursday, Jan 17, 2019 - 06:37 PM (IST)

पहले के मुकाबले अब समाज के लोगों की सोच बहुत बदल गई है। पीरियड्स को लेकर जहां औरतें बात करने से भी झिझकती थीं अब उनकी हाइजीन के लिए कई अभियान चलाएं जा रहे हैं ताकि मासिक धर्म को लेकर लोगों को मन गलत धारणा को निकाला जा सके। कई जगहों पर तो इसकी अपवित्रता को लेकर कई तरह की परंपराएं आज भी निभाई जा रही हैं सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि परंपराओं को नाम पर लड़कियों से बुरा व्यवहार भी किया जाता है। आइए जानें आखिर कौन सी हैं ये जगहें जहां पर आज भी समाज के कुछ लोग पीरियड्स के दौरान औरतों के साथ अत्याचार करके उनका मानसिक शोषण करते हैं। 

 

हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश बहुत खूबसूरत जगह है लेकिन महिलाओं को बारे में वहां के कुछ लोगों की सोच आज भी ज्यों की त्यों है। हिमाचल के कुल्लू के एक गांव में महिलाएं पीरियड्स के समय गोशाला में सोती हैं, इसके पीछे लोगों का मानना है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं अपवित्र होती है अगर वह घर के अंदर आई तो घर भी अपवित्र हो जाएगा और देवता उनसे नराज हो जाएंगे। इस कारण उन्हें गोबर की गंध के बीच सोना पड़ता है। इस प्रथा और लोगों की सोच को बदलने के लिए कई तरह के जाकरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।  

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नेपाल

भारत के पड़ोसी देश नेपाल के कुछ गांवों में भी लोगों की रूढ़िवादी सोच का महिलाओं को सामना करना पड़ता है। पीरियड्स के दौरान लड़कियों को अपवित्र समझ कर घर से बाहर झोपड़ों में रहने के लिए मजबूर किया जाता है। इस प्रथा को वहां छौपदी के नाम से जाना जाता जिसका मतलब अनछुआ है। इतना ही नहीं बल्कि उनके खान-पान को लेकर भी इस समय बहुत भेदभाव किया जाता है उन्हें डाइट मे सिर्फ नमकीन ब्रेड और चावल ही दिए जाते हैं। उन्हें कई तरह अपमान का सामना करना पड़ता है। 

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उत्तराखंड

उत्तराखंड के चंपावत जिले में भी पीरियड्स के नाम पर महिलाओं पर आज भी अत्याचार हो रहे हैं। उन्हें कई तरह के भेदभाव का सामना करना पड़ता है। इस दौरान लड़कियों को घर से बाहर निकाल दिया जाता है। घर से बाहर निकाली गई महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनकी इस मुश्किल को देखते हुए चंपावत जिले के गांव गुरचम में सरकारी फंड से एक बिल्डिंग का निर्माण किया गया है जहां पर इस तरह की औरतें अस्थाई तौर पर रह सकती हैं।

 

बांग्लादेश

यहां के कई इलाकों में मासिक धर्म को इतना अपवित्र समझा जाता है कि उन्हें खाना बनाने की मनाही होती है, वह किसी का रखा खाना छू तक नहीं सकती, मंदिर के आस-पास नहीं जा सकती, घरवालों से बात तक नहीं कर सकती इसके अलावा उसे अनजान जगह पर रखा जाता है। 

 

कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश

पीरियड्स की भ्रांतियों को लेकर देश के कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश इलाके भी अछूते नही है लेकिन इन जगहों पर लड़की के पहले पीरियड्स शुरू होने पर खुशियां मनाई जाती हैं। लड़की को दुल्हन की तरह सजा संवार कर उसकी आरती उतारी जाती है। लड़की के साथ नींबू और लोहा रखा जाता है ताकि कोई बुरी आत्मा उसके करीब न आए। इसके पीछे लोगों की सोच है कि इस दौरान बुरी आत्माएं लड़कियों पर अपना साया डालने की कोशिश करती हैं।  

 

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल के कुछ इलाको में भी मासिक धर्म को लेकर लोगों की सोच नहीं बदली। वहां पर पहली बार मासिक धर्म शुरू होने पर लड़की को पीरियड्स का खून गाय के दूध या नारियल के तेल के साथ पिलाया जाता है। इस विषय में लोगों का मानना है कि इससे लड़की को नई ताकत और ऊर्जा मिलती है। वहीं, लोग यह भी सोचते हैं कि इससे स्मरण शक्ति बढती है। 

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Content Writer

Priya verma

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