जल घरों का पंचायतीकरण रोकने के लिए संघर्ष का बजाया बिगुल

punjabkesari.in Thursday, Jan 17, 2019 - 05:26 PM (IST)

जलालाबाद (बजाज): जल सप्लाई व सैनीटेशन कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब (रजि. 31) पंजाब की स्टेट वर्किंग कमेटी की बीते दिन लुधियाना में पंजाब अध्यक्ष वरेन्द्र सिंह मोमी के नेतृत्व में आयोजित हुई मीटिंग के दौरान गांवों के जल घरों का पंचायतीकरण रोकने और जल सप्लाई व सैनीटेशन विभाग में इंलिस्टमैंट पॉलिसी, ठेकेदारों, कंपनियों और सोसाइटियों के माध्यम से अपनी सेवाएं दे रहे फील्ड व दफ्तरी ठेका कर्मियों को विभाग में शामिल करके रैगुलर करने की मांग के लिए भविष्य में सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई करने के लिए कई अहम फैसले लिए गए।

इस संबंधी आज प्रैस बयान जारी करते हुए पंजाब के महासचिव कुलदीप सिंह बुढेवाल, प्रैस सचिव सतनाम सिंह फलियांवाला और जसवीर सिंह सीरा ने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से विश्व बैंक से करोड़ों रुपए का कर्ज लेकर गांवों के जल घरों का पंचायतीकरण करने के नाम पर निजीकरण की कोशिशें की जा रही हैं, जिससे विभाग के मुलाजिम भी प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में नए चुने गए पंचों-सरपंचों को भी जल सप्लाई स्कीमों के पंचायतीकरण के  लिए गुमराह किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि गांवों के जल घरों का पंचायतीकरण होने से जल घरों का पानी पी रहे 87 प्रतिशत लोग इस बुनियादी सुविधा से वंचित हो जाएंगे क्योंकि जो पहले वाटर सप्लाई स्कीमें पंचायतों के पास हैं, उनके करोड़ों रुपए के बिजली के बिल न देने के कारण 95 प्रतिशत बंद हो चुक ी हैं। उन्होंने कहा कि उक्त लोक मारू फैसलों को किसी भी कीमत पर जत्थेबंदी बर्दाश्त नहीं करेगी। बैठक में अन्यों के अलावा प्रदूमण सिंह, ओमकार सिंह, जसप्रीत सिंह, सौरव किंगर, हाकम सिंह धनेठा, तेजिंद्र सिंह मान, भुपिंद्र सिंह कुतबेवाल आदि उपस्थित थे। 


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