पूर्व सैनिकों ने CM के गृह जिला में फूंका संघर्ष का बिगुल, जानिए क्या है मामला

punjabkesari.in Wednesday, Jan 16, 2019 - 07:54 PM (IST)

सुंदरनगर (नितेश): देश और प्रदेश में कई सरकारें आईं और पूर्व सैनिकों के साथ छल करके चली गईं। पूर्व सैनिकों को मात्र वोट बैंक के नाम पर इस्तेमाल ही किया है। जिसे इस बार पूर्व सैनिक किसी भी सूरत में सहन नहीं करेंगे। इस संदर्भ में पूर्व सैनिकों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला से संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। पूर्व सैनिकों ने सरकार को दो टूक शब्दों में चेताया है कि अगर वन रैंक वन पैंशन की चिरलंबित मांग पूरी नहीं की गई तो वे लोकसभा चुनावों में अपना रंग दिखा देंगे। सुंदरनगर पूर्व सैनिक कल्याण संघ के प्रधान सेवानिवृत सुबेदार मेजर बेली राम, सचिव लेख राम और कैप्टन बलदेव सिंह, टेक चंद, रोशन लाल, जय कुमार, भगत राम, लेख राम, भादुर सिंह, हेम सिंह, धर्म सिंह और लक्ष्मन दास ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार वन रैंक वन पैंशन की मांग मानने के झूठे दावे कर रही है।

सरकार ने सैनिकों के हाथ में थमाया लॉपीपॉप

उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद सरकार द्वारा देशभर के सैनिकों के हाथ में लॉलीपॉप थमा दिया गया है, जिसका खमियाजा पूर्व सैनिक के विभिन्न वर्ग को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वन रैंक वन पैंशन की मांग मानने के बावजूद सरकार पुराने पैंशनर्ज से छल कर रही है। उन्होंने कहा कि सैनिक की सेवानिवृत्ति के बाद सरकार कोई सुनाई नहीं करती। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार की नियत को देखते हुए आने वाले लोकसभा चुनावों में उसी सरकार को अपना समर्थन देने को हामी भरी है जोकि पूर्व सैनिकों की समस्याओं का समाधान करेगी और उनकी समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निदान करेगी।

अब पूर्व सैनिकों से भी लिया जा रहा टोल टैक्स

उन्होंने कहा कि आज हालात ये हैं कि जो सैनिक सेवानिवृत्त होकर आ रहे और जो पूर्व में सेवानिवृत्त हुए हंै, उनकी पैंशन में अभी भी भारी विसंगति है। जे.सी.ओ. रैंक तक के सैनिकों को ग्रेड तृतीय श्रेणी तक का दर्जा नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं, सी.एस.डी. कैंटीनों में भी पूर्व सैनिकों को सामान लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। प्रर्याप्त ेकैंटीन की सुविधा नहीं है, न ही भवन है और न ही बैठक करने के लिए कोई पूर्व सैनिक भवन है। उन्होंने कहा कि पहले पूर्व सैनिकों को टोल टैक्स अदा नहीं करना पड़ता था। लेकिन अब पूर्व सैनिकों से भी टोल टैक्स लिया जा रहा है।


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Vijay

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