उर्वरक सब्सिडी बिल निपटाने को 23,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त मांग

punjabkesari.in Wednesday, Jan 16, 2019 - 01:31 PM (IST)

नई दिल्लीः उर्वरक मंत्रालय ने जनवरी से मार्च तिमाही की सब्सिडी जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्त मंत्रालय से 23,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि की मांग की है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है। अधिकारी ने कहा कि दिसंबर के अंत में उर्वरक कंपनियों का सरकार पर सब्सिडी के मद का 23,283 करोड़ रुपए का बकाया था जबकि मंत्रालय के पास सब्सिडी भुगतान के लिए आवंटित राशि में से लगभग 13,056 करोड़ रुपए ही बचे हैं।

अधिकारी ने कहा, 'हमने मौजूदा तिमाही के लिए सब्सिडी जरूरतों को पूरा करने के लिए 23,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट मांगा है।' उसने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान उपलब्ध शेष राशि से बकाया सब्सिडी का भुगतान किया जाएगा और अतिरिक्त बजट मिलने पर बाकी राशि भी चुकता कर दी जाएगी। सरकार बजट की उपलब्धता के अधीन नियमित आधार पर उर्वरक कंपनियों को सब्सिडी जारी करती है। चालू वित्त वर्ष के लिए, सरकार ने उर्वरक सब्सिडी भुगतान के लिए 73,439.85 करोड़ रुपए का बजट रखा था। 

आधिकारिक, आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष में दिसंबर तक सरकार 60,383.79 करोड़ रुपए का पहले ही भुगतान कर चुकी है। उर्वरक मंत्रालय प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से सब्सिडी दे रही है, जो एलपीजी पर लागू पारंपरिक डीबीटी से अलग है। उर्वरक सब्सिडी की डीबीटी प्रणाली के तहत, किसानों/लाभार्थियों को उर्वरक वितरण एजेंसियों से माल रियायती मूल्य पर उपलब्ध कराया जाता है। खुदरा विक्रेताओं द्वारा उर्वरक की वास्तविक बिक्री के आधार पर सब्सिडी का भुगतान किसानों के बजाय कंपनियों को चुकाई जाती है। किसानों को सभी सब्सिडी वाले उर्वरकों की बिक्री प्रत्येक खुदरा दुकान पर स्थापित प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) के माध्यम से की जा रही है और लाभार्थियों की पहचान आधार कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, मतदाता पहचान पत्र के माध्यम से की जाती है। 


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jyoti choudhary

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