सी.एम. सिटी में सैंकड़ों अध्यापकों ने किया रोष मार्च

punjabkesari.in Wednesday, Jan 16, 2019 - 12:42 PM (IST)

पटियाला(जोसन/बलजिन्द्र): 5 अध्यापक नेताओं को टर्मीनेट करने के खिलाफ जिले के बड़ी संख्या में अध्यापकों ने नेहरू पार्क में प्रदर्शन किया। पंजाब सरकार के इस कदम के खिलाफ अध्यापकों ने शहर में रोष मार्च निकाला और शेरां वाला गेट पर शिक्षामंत्री ओम प्रकाश सोनी के पुतले को फूंकते हुए संघर्ष को तेज करने की घोषणा की है।

सांझा अध्यापक मोर्चा के नेताओं दविंदर सिंह पूनिया, पुष्पिन्द्र सिंह हरपालपुर, विक्रम देव सिंह, कर्मिन्द्र सिंह, संदीप राजपुरा, परमवीर सिंह, कुलदीप पटियालवी, अतिन्द्रपाल सिंह घग्गा, कपूर सिंह, अमनदीप सिंह और शिक्षा प्रोवाइडर यूनियन से जोगा सिंह, नौजवान भारत सभा से रमिन्द्र पटियाला, पंजाब स्टूडैंट यूनियन से रविन्द्र रवि, डैमोक्रेटिक कर्मचारी फैडरेशन से प्रवीन शर्मा आदि ने संबोधित करते बताया कि 1 दिसम्बर को शिक्षामंत्री ओम प्रकाश सोनी द्वारा अध्यापकों के पक्के मोर्चे में पहुंच कर एस.एस.ए. रमसा, आदर्श, माडल स्कूल अध्यापकों के वेतन कटौती सहित अन्य मसलों को रिव्यू करने के लिए 15 दिनों में मुख्यमंत्री के साथ बैठक करवाने और मीटिंग होने तक वेतन कटौती संबंधी ऑनलाइन पोर्टल बंद रखने, अध्यापकों के संघर्ष दौरान शिक्षा विभाग द्वारा की सभी सस्पैंशन, प्रबंधकीय आधार पर आरजी तबादलों को तुरंत रद्द करने और 5178 मास्टर काडर अध्यापकों, ई.जी.एस., ए.आई.ई., एस.टी.आर. और शिक्षा प्रोवाइडर अध्यापकों संबंधी भी कई सार्वजनिक घोषणाएं की थीं। नेताओं ने बताया कि शिक्षामंत्री द्वारा गैर-जिम्मेदारी वाला व्यवहार अपनाते हुए डेढ़ महीना बीतने के बावजूद अपनी किसी भी घोषणा को पूरा नहीं किया गया बल्कि वायदाखिलाफी करते गत दिवस वेतन कटौती को जबरदस्ती लागू करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोल दिया गया। 

अध्यापक मोर्चे के नेताओं ने कहा कि मंजूरशुदा छुट्टी वाले अध्यापकों के धरने में हिस्सा लेकर रोष प्रकट करने के जमहूरी हकों का नुक्सान करके अध्यापक नेताओं की बर्खास्तगियां सरकार की तानाशाही का परिणाम है। अध्यापक नेताओं ने घोषणा की कि पंजाब सरकार द्वारा अध्यापक वर्ग के साथ की जा रही धक्केशाही और वायदाखिलाफी के विरोध में अन्य सार्वजनिक जत्थेबंदियों को साथ लेकर सरकार खिलाफ व्यापक संघर्ष शुरू किया जाएगा और इसका राजसी खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। गत 13 जनवरी को मुख्यमंत्री की रिहायश के आगे लोहड़ी के रूप में 7 महीनों से रुके वेतन मांगने गए अध्यापकों को वेतन की जगह लाठीचार्ज, खींचतान और पुलिस केस दर्ज करके हक मांगते संघर्षी अध्यापकों की आवाज डंडे के जोर पर दबाने वाले कदमों की सख्त निंदा की गई।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

swetha

Recommended News