चीन ने अंतरिक्ष में रचा एक और इतिहास, चांद पर उगा दी कपास
punjabkesari.in Wednesday, Jan 16, 2019 - 10:50 AM (IST)
बीजिंग: चीन ने अंतरिक्ष में एक और इतिहास रचा है। चांद पर भेजे गए चीन के रोवर पर कपास के बीज के अंकुरित होने के बाद पहली बार हमारी दुनिया से बाहर चांद पर कोई पौधा पनप रहा है। वैज्ञानिकों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। चोंगकिंग विश्वविद्यालय के एडवांस्ड टैक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीच्यूट से जारी तस्वीरों में कपास के बीज को अंकुरित होते हुए देखा जा सकता है। यह पहली बार हुआ कि चंद्रमा की सतह पर जैविक सामग्री की खेती की गई है।
चांग ई -4 मिशन के अन्य जैविक पदार्थों में कपास, तिलहन, आलू, अरेबिडोप्सिस, खमीर और फल शामिल हैं। चीनी अंतरिक्ष एजेंसी का दावा है कि अगले 100 दिनों में और अधिक पौधे उगने की उम्मीद है। इन पौधों पर अध्ययन यान पर विशेष रूप से डिजायन किए गए बायोस्फीयर में किया जा रहा है। इससे पहले अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) पर पौधों की खेती कर चुके हैं। चीन के तियांगोंग -2 स्पेस लैब पर चावल और अरेबिडोप्सिस भी उगाए गए थे। 7 दिसंबर, 2018 को चीन ने अपने पहले जैविक अनुसंधान मिशन के तहत चांग ई-4 लूनर अंतरिक्ष यान को लांच किया था।
4 जनवरी, 2019 को इस यान ने 4 जनवरी को चांद के अनदेखे हिस्स में सफलतापूर्वक उतरकर एक वैश्विक सफलता हासिल की थी। वैज्ञानिकों ने कहा है कि चंद्रमा पर कठोर परिस्थितियों में प्रयोग करने के बाद मानव जाति ने पहले पौधे को अंकुरित किया है, जो मनुष्य के पहले चंद्रमा पर जैविक विकास प्रयोग को साकार करता है। अंतरिक्ष में मौजूद यान से धरती पर भेजी गई तस्वीर को देखने से पता चलता है कि कपास का बीज अच्छी तरह से अंकुरित हुआ है। शेष सभी पौधों के बीज जैसे के तैसे हैं। सभी पौधे के बीजों को गोलाकार टिन के कंटेनर में रखा गया है।
3 किलो वजनी और सात इंच लंबे इस कंटेनर को दक्षिण-पश्चिम चीन के चोंगकिंग विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने डिजायन किया है। यह इंसुलेट परतों और एक मिनी एयर कंडीशनिंग सिस्टम से सुसज्जित है। 0.8 लीटर वाले इस कंटेनर को एक विशेष रूप से विकसित एल्यूमीनियम मिश्रित धातु से बनाया गया है। बीजों के साथ-साथ इसमें पानी, मिट्टी, एक पोषक तत्व समाधान, हवा, एक छोटा कैमरा और डेटा ट्रांसमिशन सिस्टम जैसे उपकरण शामिल हैं। पौधों के बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली सूर्य की किरणों के लिए इसमें एक ट्यूब लगाया गया है। जिसके जरिये सूर्य की किरणें इसकेअंदर प्रवेश कर सकेंगी।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका की टिप्पणी पर जयशंकर ने दिया कड़ा जवाब , कहा- भारत में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी
हरियाणा में सिक्योरिटी गार्ड की हत्या, पार्क में खून से लथपथ पड़ा मिला शव