ब्रेक्जिट को लेकर मुसीबत में ब्रिटिश PM थरेसा, आज परीक्षा की अंतिम घड़ी

punjabkesari.in Tuesday, Jan 15, 2019 - 12:01 PM (IST)

लंदनः ब्रेक्जिट को लेकर मुसीबत में घिरी ब्रिटिश प्रधानमंत्री थरेसा मे के लिए आज परीक्षा की अंतिम घड़ी है। अगर मंगलवार को थरेसा में शक्ति परीक्षण में असफल रहीं और को संसद में यह बिल पास नहीं हुआ तो 29 मार्च को ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन के छोड़ने की योजना खटाई पड़ सकती है। इस बिल को पास कराने के अंतिम प्रयासों के तहत सोमवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने मजदूरों के अधिकारों और यूरोपीय संघ के नेताओं द्वारा पत्र दिलाने जैसे दोनों वादे फिर से दोहराए। हालांकि ब्रिटिश नेता ने कई ठोस उपायों के दावे किए हैं लेकिन फिर भी इसके खारिज होने की आशंका जताई जा रही है। मे ने चेतावनी दी कि उनके समझौते का एकमात्र विकल्प देश के आर्थिक नुकसान के तौर पर सामने आएगा। उन्होंने कहा कि अगर हम यूरोपीय यूनियन से बाहर नहीं निकलते हैं तो यह 2016 में ब्रिटिश मतदाताओं से किए गए वादे से मुकरना होगा।
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 थरेसा मे ने अपने भाषण में कहा, "अगर ब्रेक्सिट डील खारिज होती है तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों और उनके राजनेताओं के विश्वास को चोट पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि एक अन्य विकल्प है, जिसमें बिना डील पास हुए ईयू को छोड़ा जा सकता है। हालांकि यह ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के लिए घातक सिद्ध होने के साथ ही सुरक्षा सहयोग में बाधा पैदा करेगा और लोगों के दैनिक जीवन को बाधित करेगा। लेकिन इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है कि हम कल रात को मतदान करें। गौरतलब है कि ब्रेक्जिट को लेकर अब महज अढ़ाई माह का ही समय बाकी रह गया है लेकिन ब्रिटेन में इसको लेकर तकरार खत्‍म होने का नाम नहीं ले रही है। आलम ये है कि ब्रिटेन की प्रधानमंत्री मे ने सांसदों को साफ कर दिया है कि यदि उन्‍होंने उनकी तय की गई डील पर हामी नहीं भरी तो ब्रेक्जिट का फैसला रद्द कर दिया जाएगा। मंगलवार को इस मुद्दे पर अहम वोटिंग होनी है, इसको लेकर थेरेसा की यह चेतावनी काफी अहम मानी जा रही है।
PunjabKesariउनका कहना है कि जब देश की जनता ने ब्रेक्जिट को लेकर फैसला कर लिया है तो सांसदों की भी यह जिम्‍मेदारी बनती है कि वह 2016 के जनादेश का सम्‍मान करते हुए उस पर अमल करे। वहीं यदि वह ऐसा नहीं करते हैं और ज्‍यादातर सांसद ईयू से जुड़े रहने के पक्ष में हैं तो ब्रिटेन यूरापीयन यूनियन में एक सदस्‍य के तौर पर जुड़ा रहेगा। ब्रेक्जिट के मुद्दे पर हार का डर उन्‍होंने साफ कर दिया है कि इसमें कोई शक नहीं है कि ब्रेक्जिट के मुद्दे पर सदस्‍यों में सहमति नहीं है, इसके बावजूद ज्‍यादातर ईयू से अलग होने के पक्ष में हैं। इसके अलावा दूसरा जनादेश को लेकर एक बड़ा सवाल उठ जाएगा। जहां तक उनकी धमकी की बात है तो इससे जाहिर हो रहा है कि कहीं न कहीं उन्‍हें अपनी हार का डर सता रहा है।
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इसकी वजह वह बिल है जिसका सीधा संबंध ब्रेक्जिट से है और जो ब्रेक्जिट को लेकर हां और न वाले सांसदों की नापसंदी का कारण बना हुआ है। हार की डर की वजह से वह पहले भी इस बिल पर वोटिंग को आगे खिसकाती रही हैं।बता दें कि पिछले सप्‍ताह जो वोटिंग हुई थी उसमें ज्‍यादातर सांसदों बिना किसी डील के ईयू से बाहर निकलने के लिए वोट किया था। ऐसे में सांसदों की तरफ से थेरेसा को तीन दिन का समय भी दिया गया था कि वह किसी विकल्‍प को लेकर सामने आएं। ब्रेक्जिट को लेकर ब्रिटेन की संसद में ही नहीं संसद के बाहर भी घमासान मचा हुआ है। कुछ दिन पहले ही ब्रेक्जिट के खिलाफ लोगों ने काफी संख्‍या में सड़कों पर उतर प्रदर्शन किया था। इसको संभालने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा था। दरअसल, ब्रेक्जिट का मुद्दा थेरेसा मे की गले की फांस बन चुका है।

 


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Tanuja

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