RTI में खुलासा: पंजाब में भूमिगत पानी को बोतलों में बंद कर बेचने के लिए चल रहे हैं 70 उद्योग

punjabkesari.in Tuesday, Jan 15, 2019 - 10:28 AM (IST)

दिड़बा (अजय): पंजाब में छोटी-बड़ी बोतलों और गिलासों में पानी भर कर बेचने वाले तकरीबन 70 उद्योग चल रहे हैं जिनके द्वारा पानी के इस कारोबार को स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद बताकर हर साल बढ़ाया जा रहा है जिसका परिणाम है कि अकेले लुधियाना में ही ऐसे सबसे अधिक 16 उद्योग पानी की बोतलें बंद कर बेच रहे हैं परन्तु पंजाब सरकार को इन पानी वाले उद्योगों से किसी भी तरह की कोई आमदन नहीं हो रही। किसी समय पर पानी की बंद बोतलें सिर्फ रेलवे स्टेशनों या फिर अन्य सार्वजनिक स्थलों पर ही बिकती थीं परन्तु पिछले 2 दशक के करीब से पानी की बंद बोतलों का प्रयोग समागमों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी होने लग गया है जिससे मुफ्त का यह कारोबार हर दिन बढ़ता जा रहा है और कॉर्पाेरेट घरानों की तरफ से पंजाब के पानी को कथित रूप मे लूटा जा रहा है।

आर.टी.आई. माहिर और लोक जागृति मंच के प्रांतीय प्रधान वृषभान बुजरक ने बताया कि सूचना के अधिकार एक्ट 2005 तहत गृह विभाग से राज्य में चल रहे पानी की बंद बोतलें बेचने वाले उद्योगों की संख्या और उनसे हुई आमदन संबंधी पूछा गया था परन्तु विभाग ने इसको आगे उद्योग विभाग और इमीगेशन विभाग को भेज दिया जिस कारण पानी वाले उद्योगों का यह मामला अधर में ही लटकता रहा परन्तु अब उद्योग और कर्मस विभाग पंजाब द्वारा सभी जिला उद्योग के साथ संपर्क कर जानकारी दी है जिसमें लिखा गया है कि पंजाब में पानी की बंद बोतलें बेचने वाले 70 उद्योग चल रहे हैं जिनमें से सबसे अधिक 16 उद्योग लुधियाना और 11 उद्योग साहिबजादा अजीत सिंह नगर में चल रहे हैं। इसके अलावा अमृतसर में 9, बठिंडा 6, फतेहगढ़ साहिब 2, गुरदासपुर व पठानकोट 5, होशियारपुर 1, जालंधर 6, कपूरथला 3, श्री मुक्तसर साहब 1, पटियाला 4, रोपड़ 1, संगरूर 4 और तरनतारन में 1 उद्योग चल रहे हैं।

पंजाब के बरनाला, फरीदकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का, मानसा, मुक्तसर और शहीद भगत सिंह नगर में कोई भी पानी वाला उद्योग नहीं चल रहा है। वृषभान बुजरक ने कहा कि जिला उद्योग केन्द्रों द्वारा इन उद्योगों से हुई आमदन संबंधी लिखा गया है कि उनको पानी वाले उद्योगों से किसी भी तरह की कोई आमदन नहीं हुई जिससे स्पष्ट होता है कि कॉर्पोरेट घराने पंजाब के बेशकीमती पानी को मुफ्त में लूट रहे हैं जबकि भूमिगत पानी के गहरा होने से पंजाब रेगिस्तान बनने की तरफ बढ़ रहा है।

पानी की बोतलें बंद कर बेचने वाले कई उद्योग तो डार्क जोन इलाकों में भी चल रहे हैं। पंजाब के पानी को न पीने योग्य बताकर जहां आर.ओ. लगाने वाले उद्योगों ने समूचे पंजाब को लूटा, वहीं पानी वाले ये उद्योग खुशी-गमी से लेकर पंजाब के बढिय़ा पीने योग्य पानी वाले ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपना दबदबा बना चुके हैं जिस कारण पानी की छोटी-बड़ी बंद बोतलों और गिलासों की मांग में प्रतिदिन बढ़ौतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि पानी वाले चल रहे इन उद्योगों की उच्च स्तरीय जांच करवाकर बनती कार्रवाई की जानी चाहिए।


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Anjna

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