8 दिन पहले बदहाल थी क्षिप्रा, नए अफसरों ने बदल दी सूरत
1/14/2019 12:06:36 PM
उज्जैन: 5 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा में पर्याप्त पानी नहीं होने के कारण श्रद्धालुओं को कीचड़ वाले पानी से नहाना पड़ा था। इस लापरवाही को सीएम कमलनाथ ने गंभीरता से लेते हुए संभागायुक्त और कलेक्टर पर कार्रवाई की। इस घटना से सबक लेते हुए नए अफसरों ने आठ दिन में शिप्रा और घाटों की तस्वीर बदल दी।
यहां मकर संक्रांति का स्नान 15 जनवरी को है, लेकिन इससे पहले ही रविवार को सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गईं हैं। इस समय नदी में साफ और पर्याप्त पानी, फव्वारे, लाइटिंग, साफ-सफाई ने ढाई साल पहले हुए सिंहस्थ-2016 की याद दिला दी है।
उज्जैन में मकर सक्रांति पर्व पर स्नान की विभिन्न तैयारियां प्रशासन द्वारा पूरी कर ली गई है। नर्मदा नदी का पानी त्रिवेणी एवं गऊ घाट पर पहुंच चुका है। रामघाट एवम दत्त अखाड़ा घाट पर गंभीर का 7 एमसीएफटी पानी प्रवाहित कर दिया गया है। pic.twitter.com/ksSvfGfKzq
— Jansampark MP (@JansamparkMP) January 13, 2019
शनिवार को देवास बैराज के सभी 11 गेट खोलकर नर्मदा का पानी छोड़ा गया था, जो रविवार को उज्जैन पहुंच गया था। रविवार को खुद प्रदेश के प्रमुख सचिव एस आर मोहंती ने उज्जैन पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया। देवास बैराज से पानी छोड़े जाने की वजह से नदी में पानी लबालब हो गया है।