क्यों कुछ बच्चे देर से बोलते हैं? जानिए वजह

punjabkesari.in Saturday, Jan 12, 2019 - 05:56 PM (IST)

बच्चे के जन्म के बाद पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा जल्दी बोलना शुरू कर दे। अगर बच्चा बातें नहीं करता तो उन्हें चिंता होने लगती है। देर से बोलना, साफ न बोल पाना या हकला कर बोलने के कई कारण हो सकते हैं। ज्यादातर बच्चे 2-3 साल की उम्र तक ठीक से बोलने लगते हैं जबकि कुछ बच्चे 8-10 साल तक तुतला कर बोलते हैं। दरअसल हर बच्चे की मानसिक क्षमता अलग होती है जिस वजह से उन्हे साफ बोलने में ज्यादा समय लग जाता है। अगर आपके बच्चे ने भी अभी बोलना शुरू नहीं किया है तो ये ना सोचें कि कोई दिमागी कमजोरी हो सकती है। 

 

क्या हैं बच्चों में हकलाने के लक्षण

जब बच्चों को शब्द, वाक्य या कोई पंक्ति बोलने में समस्या, हिचकिचाहट महसूस करना, किसी शब्द को दोहराना, बोलते समय तेज़ गति से आँखें भीचना, होठों में कंपकंपाहट, पैरों को ज़मीन पर थपथपाना, जबड़े का हिलनादि को हकलाकर बोलना कहा जाता है।

 

हकलाने का कारण

बच्चे का ज्यादा ना रोना

शोध के अनुसार, जो बच्चे जन्म के बाद पहले 6 महीने ज्यादा नहीं रोते, किसी जरूरत पड़ने पर या किसी समस्या पर ही रोते हैं, उन्हें आगे जाकर हकलाने की समस्या ज्यादा होती है। इसके अलावा यह जरूरी भी नहीं है कुछ बच्चे देर से सीखते हैं।

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प्रेग्नेंसी के दौरान पीलिया

इसके साथ जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान पीलिया की समस्या होती है उनके बच्चों में हकलाने के मामले ज्यादा होते हैं।

 

प्रेग्नेंसी के दौरान चोट या दबाव पड़ना

प्रेग्नेंसी में हमेंशा मां को अपना ख्याल रखना चाहिए। आप जो भी गतिविधियां करतीं हैं उसका सीधा असर आपके बच्चे पर पड़ता है। इस दौरान मां को पेट में लगने वाले झटके, चोट या किसी दबाव के कारण भी बच्चे की सुनने, बोलने और देखने की क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे बच्चों में एक साथ देखने, सुनने और बोलने की समस्या भी हो सकती है।

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कैसे दूर करें हकलाने की समस्या

स्पीच थेरेपिस्ट

हकलाने की इस समस्या का इलाज किसी दवा से नहीं होता। सबसे पहले हकलाहट का कारण जानने की कोशिश करें। अगर बच्चे के मन में किसी प्रकार का डर है तो उसे जरूर दूर करें। इसके लिए स्पीच थेरेपिस्ट और मनोवैज्ञानिक की मदद बेहद फायदेमंद रहेगी। इससे आपका बच्चा बोलने लगेगा। एक स्टडी के अनुसार यह समस्या दिमाग के स्पीच प्रोसेसिंग क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन के घटने की वजह से होती है।

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जरूरी है खेल कूद

इस समस्या को दूर करने के लिए से ही बच्चों के खेल-कूद और एक्सरसाइज ज्यादा से ज्यादा करवाएं। इससे वह स्वस्थ रहेंगे और ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहेगा।

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मां बच्चे से ज्यादा बात करे तो जल्दी बोलते हैं बच्चे

बच्चा जब 7-8 महीने का होता है तब उसके मस्तिष्क में लगभग 1000 ट्रिलियन ब्रेन सेल कनेक्शन्स बन चुके होते हैं। यदि बच्चा इन कनेक्शन्स का कोई इस्तेमाल नहीं करता तो वे धीरे-धीरे खत्म होते जाते हैं। जो मां अपने बच्चे के साथ अधिक बातें करतीं हैं उनका बच्चा जल्दी बोलना शूरू कर देता है। 6 महीने का शिशु 17 तरह का आवाजों को पहचान सकता है इसलिए यह अपने मां-बाप और घर के सदस्यों की आवाजों को पहचानने लगते हैं।

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Content Writer

Vandana

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