जानिए, प्रेग्नेंसी में कितना बढ़ना चाहिए महिला का वजन?

punjabkesari.in Tuesday, Jan 08, 2019 - 05:55 PM (IST)

प्रेग्नेंसी के दौरान हर महीने महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। इस दौरान समय-समय चेकअप होना जरूरी है ताकि मां और होने वाले बच्चे की सेहत के बारे में जानकारी मिलती रहे। इस स्थिति में गर्भ में पल रहे बच्चे के शारीरिक विकास के साथ वजन बढ़ना सामान्य है लेकिन कब और कितना बढ़ना चाहिए ये जानना बहुत जरूरी है। कम या फिर जरूरत से ज्यादा वजन बढ़ना मां और बच्चे दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। 

 

गर्भावस्था में कितना बढ़ना चाहिए वजन

गर्भावस्था के दौरान महिला का वजन औसतन 10 से 12 किग्रा बढ़ सकता है लेकिन ऐसा हर महिला की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है अगर वह पहले से ही मोटापे से ग्रस्त है तो उसे अपने वजन के बारे में खास ध्यान देने की जरूरत है। 

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इस तरह बढ़ना जरूरी है वजन

पहली तिमाही में महिला का वजन ज्यादा नहीं बढ़ना चाहिए। यह 0-2 किग्रा तक हो सकता है। रोजाना 300 कैलोरी से ज्यादा का सेवन नही होना चाहिए। 

 

दूसरी और तीसरी तिमाही में गर्भ में पल रहे बच्चे का शारीरिक विकास बहुत तेजी के साथ होता है। जो 1 से 2 किग्रा प्रति महीने हो सकता है। नौवे महीने से प्रसव तक वजन नहीं बढ़ना चाहिए। वहीं, यह जानना जरूरी है कि कौन से अंगों का कितना भार होता है।

 

जन्म के समय बच्चे का 2 से 3.4 किग्रा तक हो सकता है। जबकि प्लेसेन्टा का भार 0.5 किग्रा, एम्नियोटिक द्रव का भार 4.0 से 5.9 किग्रा, गर्भाशय का भार 0.5 से 1.1 किग्रा, स्तनों का भार 0.5 से 1.4 किग्रा तक और शरीर में वसा का स्तर 1.0 से 3.6 किग्रा तक हो सकता है। 

 

ज्यादा वजन के नुकसान

अपने वजन के बारे में डॉक्टरी सलाह लेना बहुत जरूरी है। अगर महिला का भार जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो इसके भी कई नुकसान होते हैं। 

 

डायबिटीज
प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रैशर (जेस्टेशनल हाइपरटेंशन)
सिजेरियन डिवीवरी के चांस बढ़ना
शरीर में रक्त के थक्के जमना
मिसकैरेज की खतरा बढ़ना
डिलीवरी के समय परेशानी होना

 

प्रेग्नेंसी में स्वस्थ रहने के नियम 

सिर्फ गर्भावस्था ही नहीं बल्कि इससे पहले और इस दौरान सेहत और खान-पान को लेकर खुद का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। 

 

डॉक्टरी चेकअप जरूरी

कम या ज्यादा वजन का असर बच्चे की सेहत पर भी पड़ता है इसलिए हर महीने इसकी जांच करना बहुत जरूरी है फिर भले ही महिला खुद को स्वस्थ महसूस कर रही हो। 

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हैल्दी डाइट जरूरी

खाने की अनदेखी न करें, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, दही, फल, दालें, आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम,मिनरल्स आदि से भरपूर आहार खाते रहें। डॉक्टर से खाने का टाइम टेबल बनवा लें। 

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डाइटिंग की गलती न करें

वजन बढ़ने के डर से इस समय डाइटिंग की गलती न करें। इससे बच्चे के विकास पर बुरा असर पड़ सकता है। 

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दैनिक गतिविधियां जरूरी

प्रेग्नेंसी में हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बहुत जरूरी है। हर समय एक ही जगह पर बैठे न रहें बल्कि सैर, योगा जैसी गतिविधियां जारी रखें। इनके बारे में आप डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं कि आपके लिए क्या सुरक्षित है।


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Content Writer

Priya verma

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