इस दिन करना चाहिए चांद का दीदार

punjabkesari.in Monday, Jan 07, 2019 - 12:12 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा(video)
शास्त्रों ने चंद्रमा को सोम, सुधाकर व सुधांशु का नाम से जाना जाता है। सुधा का अर्थ है अमृत। पृथ्वी पर अगर अमृत है तो वह जल ही है। आज पौष शुक्ल की द्वितीया पर चंद्र दर्शन पर्व मनाया जा रहा है। पौराणिक मतानुसार ऋषि अत्रि व अनुसूया के पुत्र चंद्र का विवाह दक्ष प्रजापति की सत्ताईस पुत्रियों से हुआ था, इन्हीं चंद्र पत्नियों के नाम पर ही सत्ताईस नक्षत्रों के नाम पड़े हैं। चंद्र 16 कलाओं यानि 6 तिथियों से युक्त हैं। हर माह अमावस्या के बाद जब पहली बार चंद्रमा आकाश पर दिखता है तो उसे चंद्र दर्शन कहते हैं। शास्त्रनुसार इस समय चंद्र दर्शन करना फलदायक माना जाता है। आज हम आपको इससे जुड़ी पूजा विधि, मंत्र और उपाय के बारे में बताएंगे। जिसका पालन अगर विधि पूर्वक किया जाए तो वैवाहिक जीवन में मधुरता बढ़ती है। 
PunjabKesari
पूजन विधि-
शाम के समय चंद्रदेव का 16 चीजों से पूजन करें। गाय के घी का दीपक करें, कपूर जलाकर धूप करें, सफ़ेद फूल, चंदन, चावल, व इत्र चढ़ाएं। उसके बाद खीर का भोग लगाएं व पंचामृत से चंद्रमा को अर्ध्य दे। 

मंत्र: ॐ शीतांशु विभांशु अमृतांशु नम:॥
PunjabKesari
उपाय
चंद्रदेव पर चंदन चढ़ाकर अपनी नाभि पर लगाने से लव लाइफ में सफलता मिलती है।

वैवाहिक जीवन में सफलता के लिए चंद्रदेव पर चढ़ा चांदी का चौकोर टुकड़ा घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में छुपाकर रख दें। 
PunjabKesari
चंद्रदेव को दूध से अर्ध्य देने पर घर-परिवार में गुडलक आता है।

अगर पानी में शक्कर मिलाकर चंद्रदेव को अर्ध्य दें तो विवाद से छुटकारा मिलता है।
PunjabKesari
नुकसान से बचने के लिए चंद्रमा पर 12 सफ़ेद फूल चढ़ाएं।

प्रोफेशनल लाइफ में सक्सेस के लिए चंद्रदेव पर चढ़ा 2 रु का सिक्का अपने गल्ले में रखें।
इस छोटे से उपाय से कैसा भी confusion होगा दूर(video)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Lata

Recommended News

Related News