महानगरों में रहना हुआ महंगा, तेज गति से बढ़ रहा है किराया

punjabkesari.in Sunday, Jan 06, 2019 - 09:53 AM (IST)

बिजनेस डेस्क: बढ़ते किराए के कारण महानगरों में रहने का खर्च बढ़ता जा रहा है। पिछले साल इन शहरों में किराया औसत महंगाई से ज्यादा तेज गति से बढ़ा। पिछले साल मुम्बई में औसत किराए में सबसे अधिक 18 प्रतिशत बढ़ौतरी हुई। चेन्नई में औसत किराया 15 और बेंगलूर में 14 प्रतिशत बढ़ा जो पिछले साल औसत महंगाई में हुई बढ़ौतरी से करीब दोगुना है। यानी महानगरों में मकानों के मोटे किराए ने लोगों का दम फुला दिया है। प्रॉपटैक स्टार्टअप नोब्रोकर.कॉम की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। कम्पनी ने देश के 5 बड़े शहरों दिल्ली-एन.सी.आर., मुम्बई, बेंगलूर, चेन्नई और पुणे में किराएदारों, मकान मालिकों और अन्य यूजरों के सर्वेक्षण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है।

अधिकांश किराएदारों ने दी 2 बैडरूम या 3 बैडरूम वाले मकानों को तरजीह
नोब्रोकर के प्लेटफॉर्म पर करीब 17 लाख संपत्तियों के आंकड़े हैं और इसी आधार पर कम्पनी ने औसत किराए का निर्धारण किया है। कम्पनी का कहना है कि किराए में तेजी के बावजूद पिछले साल अधिकांश किराएदारों ने 2 बैडरूम या 3 बैडरूम वाले मकानों को तरजीह दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में एक बैडरूम वाले मकानों की मांग सबसे अधिक रही लेकिन 2018 में यह रुझान बदल गया। रिपोर्ट के मुताबिक मकान खोजते समय किराएदारों ने कार्यालय से नजदीकी, बेहतर सार्वजनिक परिवहन और सुरक्षित पड़ोस को तरजीह दी। साथ ही जलापूर्ति की स्थिति भी एक प्रमुख कारक रहा।

औसत किराया दिल्ली-एन.सी.आर. में सबसे अधिक
किराए में प्रतिशत वृद्धि के मामले में मुम्बई शीर्ष पर रहा लेकिन औसत किराया दिल्ली-एन.सी.आर. में सबसे अधिक रहा। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल दिल्ली-एन.सी.आर. क्षेत्र में औसत किराया 23,016 रुपए रहा जो 2017 की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है। इस सूची में मुम्बई दूसरे स्थान पर रहा। शहर में औसत किराया 21,168 रुपए रहा। बेंगलूर 16,365 रुपए के साथ तीसरे स्थान पर रहा जबकि पुणे में किराए में 7 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई और वह 12,356 रुपए औसत किराए के साथ चौथे स्थान पर रहा।


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Isha

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