पूरी तरह से समझदार नहीं होतीं स्कैनिंनग मशीन, ऐेसे दिया जा सकता है धोखा

punjabkesari.in Saturday, Jan 05, 2019 - 11:04 AM (IST)

सिडनीः सिक्योरिटी रिसर्चर ने एक मोम के हाथ का इस्तेमाल कर दावा किया कि इसके जरिए स्कैनिंग मशीन को धोखा दिया जा सकता है। जेन क्रिस्लर और जूलियन अल्ब्रेख्त नाम के सिक्योरिटी रिसर्चर ने दावा किया है कि सिक्योरिटी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्कैनिंनग मशीन  पूरी तरह से समझदार नहीं होतीं इसलिए उसको मोम के हाथ की मदद से धोखा दिया जा सकता है।  उन्होंने इसी महीने जर्मनी में हुई एक कॉन्फ्रेंस में इस बात का खुलासा किया है। क्रिस्लर और अल्ब्रेख्त ने बताया कि उन्होंने एस.एल.आर. कैमरे की मदद से किसी दूसरे व्यक्ति के हाथ की फोटो खींची और इसके बाद उस व्यक्ति के हाथ के पैटर्न को कॉपी किया।
PunjabKesari
उन्होंने बताया कि हाथ के पैटर्न की फोटो खींचने के बाद उन्होंने इन्फ्रारैड फिल्टर हटा दिया, ताकि व्यक्ति के हाथ की लकीरें और नसों को कॉपी कर सकें।  क्रिस्लर  और अल्ब्रेच्ट ने बताया, उन्होंने एसएलआर कैमरे की मदद से किसी दूसरे व्यक्ति के हाथ की फोटो खींचीं और इसके बाद उस व्यक्ति के हाथ के पैटर्न को कॉपी किया।  इसके बाद उन्होंने उस व्यक्ति के हाथों का मोम का मॉडल बनाया और इस मॉडल में व्यक्ति के हाथों की लकीरें और नसें शामिल थे।
PunjabKesari
उन्होंने बताया कि जब स्कैनिंग सिस्टम के साथ उन्होंने पहली बार छेड़छाड़ की, तो उन्हें भरोसा ही नहीं हुआ कि इसके साथ भी छेड़छाड़ की जा सकती है।रिसर्चर ने बताया कि किसी दूसरे व्यक्ति के हाथ के पैटर्न को कॉपी करने के लिए उन्होंने उस व्यक्ति के हाथ की 2,500 से ज्यादा फोटी लीं ताकि हाथों की नसों को अच्छी तरह से कॉपी किया जा सके। इसमें 30 दिन का समय लगा।PunjabKesariहाथ की फोटो लेने के बाद उन्होंने लेजर प्रिंटर की मदद से हाथ की नसों के पैटर्न को प्रिंट किया और उसके बाद उसे इंसानी हाथ की तरह दिखाने के लिए मोम से कवर कर दिया। उन्होंने बताया कि, मोम का हाथ बनाने में सिर्फ 15 मिनट का समय लगा।क्रिस्लर और अल्ब्रेच्ट ने बताया कि, इस मोम के बने हाथ की मदद से वे स्कैनिंग सिस्टम को धोखा देने में कामयाब रहा।

 

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News