विधायकों और मंत्रियों की वेतन में बढ़ोतरी में निपट गया पंजाब विस सत्र, चिल्लाते रह गए विपक्षी दल

punjabkesari.in Friday, Dec 14, 2018 - 01:38 PM (IST)

चंड़ीगढ़: पंजाब विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे और अंतिम दिन कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के शोरगुल और वाक आउट की भेंट चढ़ गया। सदन की आज की कार्यवाही में आज सिर्फ विधायकों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी करना कांग्रेस सरकार ने अपनी उपलब्धि गिनवाई जबकि इस मसले पर सभी विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया। उधर सदन में सत्र की अवधि को लेकर आप विधायकों ने जमकर हंगामा किया और 9 विधायक सदन से वाक आउट कर गए। हालांकि आप के चार विधायक सदन में ही बैठे रहे। शिअद ने सदन में कमलनाथ को सिखों का कातिल बताया और उन्हें मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने पर  एतराज जताया। शिअद ने कांग्रेस पर 84 के दोषियों  को बचाने का आरोप भी लगाया। 

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किसानों की जमीन की कुर्की कर रही है सरकार
बाद में शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने सदन में किसानों के कर्जमाफी सहित अन्‍य मुद्दे उठाए। शिअद के विधायक नोरबाजी करते हुए सदन की वेल में आ गए। शिअद विधायकों ने कर्ज को लेकर किसानों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध किया। शिअद का कहना था कि वेतन बढ़ोतरी से पहले सरकार को किसानों के मुद्दों को हल करने पर विचार करना चाहिए था। सुखबीर बादल ने कहा कि पंजाब के किसानों को देरी से फसल की बिजाई के कारण 1100 करोड़ का नुकसान हुआ, अब कैप्टन सरकार ही किसानों की जमीन की कुर्की कर रही है।

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बेरोजगारी के मुद्दे पर मूंगफलियां बेचते हुए नजर आए 'आप' विधायक
इसके अलावा लोक इंसाफ पार्टी के विधायकों सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंदर सिंह बैंस ने किसानों के गन्ने की बकाया राशि के भुगतान को लेकर सदन में हंगामा किया और इसके बाद वे विस परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए। आप विधायक बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर विस परिसर में मूंगफलियां बेचते हुए नजर आए। 

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इसलिए हुआ हंगामा..
यह सारा हंगामा इसलिए हुआ क्योंकि पंजाब विधानसभा शीतकालीन सत्र की अवधि को घटा कर दो दिन और दो बैठकों का कर दिया गया। सत्र का आज आखिरी दिन था वो भी आज शोर-शराबे की भेंट चढ़ गया। पहले यह सत्र तीन दिन में चार बैठकों तक चलने वाला था। यह दो दशकों में पंजाब विधानसभा का यह सबसे छोटा सत्र है। 

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सरकार के लिए शर्मनाक छोटा सत्र...
लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंदर सिंह बैंस ने कहा कि सत्र की अवधि कम करना जनता के साथ धोखा है। विधानसभा का महज एक दिन का कामकाजी सत्र बुलाना सरकार के लिए शर्मनाक है। एक दिन का कामकाजी सत्र तो नगर पालिका या नगर निगमों में ही रखा जाता है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग करती रही थी। अब खुद सत्‍ता में आई तो खुद ऐसा कर रही है।

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'आप' विधायक ने फर्श पर फैंक दी रूल बुक....
आप के विधायक कुलतार सिंह सिधवां ने कहा कि क्या सरकार ने विधायकों व मंत्रियों का वेतन बढ़ाने के लिए एक दिन का सेशन बुलाया है। उनका कहना है कि एक दिन के सत्र में जनहित के मुद्दों पर चर्चा ही नहीं हो सकती।आप विधायक अमन अरोड़ा ने तो तहश में आकर विधानसभा की रूल बुक को सदन के फर्श पर फेंक दिया। 

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गन्ना किसानों के बकाये का मुद्दा...
शून्यकाल में आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कंवर संधू ने गन्ना किसानों के बकाये का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 192 करोड़ रुपये कोआपरेटिव मिलों और 350 करोड़ रुपये प्राइवेट मिलों के बकाया है। कोआपरेटिव मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा 15 जनवरी तक कोआपरेटिव मिलों के बकाये का भुगतान हो जाएगा।


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