सहकारी सोसायटियों व को-ऑप्रेटिव बैंकों में भ्रष्टाचार की होगी निष्पक्ष जांच

punjabkesari.in Thursday, Dec 13, 2018 - 11:11 PM (IST)

धर्मशाला (सुरेन्द्र): सहकारी सोसायटियों और को-ऑप्रेटिव बैंकों में व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला चिंतपूर्णी के विधायक बलवीर सिंह ने वीरवार को सदन में उठाया। उन्होंने मांग की है कि सहकारी सोसायटियों में सचिवों के चयन तथा इनमें होने वाले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार ठोस कदम उठाए। बलवीर सिंह ने अपने क्षेत्र की एक सहकारी सोसायटी कटोहडख़ुर्द में हुए साढ़े 8 करोड़ के गबन का मामला भी प्रमुखता से उठाया। इसके साथ एक सोसायटी में सचिव के पद पर नियुक्त की गई महिला की डिग्रियों पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हुए दस्तावेज सदन के पटल पर रखे और इसकी जांच की मांग की। विधायक ने कहा कि उनके क्षेत्र की एक सहकारी समिति में तैनात सचिव के पद पर पहले दादा, फिर पिता और अब वह बतौर सचिव काम कर रहे हैं। इस पीढ़ी दर पीढ़ी नियुक्तियों के मामले पर सरकार कोई ठोस नीति बनाए।

सचिव द्वारा खरीदी गई जमीन का मामला भी सदन में उठाया

विधायक ने एक सचिव द्वारा खरीदी गई जमीन का मामला भी सदन में उठाते हुए इसकी जांच की मांग की। विधायक ने कहा कि करोड़ों रुपए के इस सौदे में कहां से राशि आई, यह जांच का विषय है। विधायक ने कहा कि सहकारी समितियों में ऑडिट के लिए कोई ठोस व्यवस्था होनी चाहिए। सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए ताकि ग्रामीणों की खून-पसीने की कमाई का गबन न हो सके। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ सहकारी समितियों में नियमों की पालना भी नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि एक समिति में हुए घोटाले के बाद सचिव द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने की बात कही गई, लेकिन उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं आई है। कहीं ऐसा न हो कि आत्महत्या किसी और की हो और मुख्य आरोपी कहीं भूमिगत हो।

झंडूता के विधायक ने भी किया बलवीर का समर्थन

विधायक बलवीर सिंह द्वारा उठाए गए इस मामले का समर्थन करते हुए झंडूता के विधायक जे.आर. कटवाल ने कहा कि उनके क्षेत्र में कुछ सहकारी समितियां संदेह के घेरे में हैं। एक इंस्पैक्टर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है। इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए। कटवाल ने कहा कि यह गंभीर मामला है और समितियों पर नजर रखने के लिए कोई ठोस नीति होनी चाहिए। विधायक राकेश जम्वाल ने भी मामले का समर्थन करते हुए कहा कि राज्य सहकारी बैंक और कांगड़ा बैंक में भी कई मामले सामने आए हैं। इनमें नियुक्तियों का मामला भी काफी गंभीर है। इसकी भी निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए। नालागढ़ के विधायक लखविंद्र राणा ने मामले पर चिंता जाहिर करते हुए अपने क्षेत्र की कुछ सहकारी समितियों के मामलों को उठाया।

समितियों में ऑडिट के लिए भर्ती होंगे शिक्षित युवक

विधायक बलवीर सिंह द्वारा उठाए गए इस मामले पर सहमति जताते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि सदस्यों द्वारा जो मामले उठाए गए हैं, उनकी गहराई से जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि समितियों में ऑडिट करने के लिए बी.कॉम. तक शिक्षित युवकों की भर्ती की जाएगी और 2 या 3 ऑडिटरों पर आधारित लोगों से समितियों की जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन का जन्म हिमाचल से हुआ था लेकिन इस आंदोलन में दूसरे राज्यों से हिमाचल पिछड़ गया है। उन्होंने कहा कि इसमें व्याप्त खामियों को दूर किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सचिवों की नियुक्ति के लिए नियम बनाए गए हैं। एक सचिव की डिग्रियों को लेकर जो विषय उठाया गया है, उसकी जांच भी करवाई जाएगी।


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Vijay

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