DC सोलन ने लिखा पत्र, 2.38 करोड़ लीज मनी जमा करे पतंजलि योगपीठ

punjabkesari.in Thursday, Dec 13, 2018 - 10:41 PM (IST)

सोलन (नरेश): सरकार से राहत मिलने के बाद पतंजलि योगपीठ को साधुपुल में 93 बीघा भूमि को लीज पर देने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। डी.सी. सोलन ने योगपीठ को 2.38 करोड़ रुपए एकमुश्त लीज मनी जमा करने के लिए पत्र लिखा है। इसमें से 17,31,214 रुपए पहले ही जमा किए जा चुके हैं। हालांकि योगपीठ की ओर से अभी इसका जवाब नहीं आया है। सरकार ने योगपीठ को 93 बीघा भूमि को एकमुश्त 2.38 करोड़ रुपए लीज पर देने का फैसला किया है, जबकि पूर्व सरकार ने इस भूमि की वाॢषक लीज मनी 1,19,52,360 रुपए निर्धारित की थी, जिसे योगपीठ जमा नहीं कर रहा था। जिला प्रशासन ने इस लीज मनी को जमा करने के लिए योगपीठ को 7 नोटिस भी भेजे थे लेकिन योगपीठ की ओर से प्रशासन को कोई जवाब नहीं मिला। डी.सी. सोलन ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) को इस मामले में कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद ही सरकार ने योगपीठ को वन टाइम लीज मनी पर भूमि देने का निर्णय लिया।

योगपीठ ने स्टैंप ड्यूटी व पंजीकरण फीस के भरे थे 83.08 लाख रुपए

मजेदार बात यह है कि योगपीठ ने इस भूमि की लीज के लिए स्टैंप ड्यूटी के 59.17 लाख तथा पंजीकरण फीस के 23.91 लाख रुपए जमा किए थे लेकिन इसके 6 महीने तक लीज एग्जीक्यूट न करवाने के कारण यह फीस फिर से जमा करवानी पडऩी थी। राजस्व विभाग की मानें तो 1.20 करोड़ रुपए की लीज मनी जमा होने के बाद ही लीज एग्जीक्यूट होनी थी। योगपीठ को यह काफी महंगा सौदा लग रहा था। इसी का ही परिणाम है कि करीब 83 लाख रुपए की स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस के जमा करने के बाद भी योगपीठ की इस भूमि में कोई दिलचस्पी नहीं रही थी क्योंकि 95 वर्षों में योगपीठ को लीज मनी के रूप में करीब 140 करोड़ रुपए जमा करने पडऩे थे। हालांकि पूर्व कांग्रेस सरकार ने योगपीठ को यह जमीन 27 करोड़ रुपए एकमुश्त लीज पर देने को कहा था। सरकार ने भूमि की वार्षिक लीज मनी 1.20 करोड़ रुपए निर्धारित की थी, जिसमें हर 5 वर्ष बाद 5 प्रतिशत की बढ़ौतरी होनी थी। राजस्व विभाग ने 93 बीघा भूमि की मार्कीट वैल्यू 11,95,23,600 निर्धारित की है। इसी के आधार पर ही भूमि की वार्षिक लीज मनी तय हुई थी।

2010 में एक रुपए की टोकन मनी पर दी थी 93 बीघा भूमि

विदित रहे कि 14 जनवरी, 2010 को तत्कालीन भाजपा सरकार ने पतंजलि योगपीठ को 95 वर्ष के लिए एक रुपए की टोकन मनी पर 93 बीघा भूमि लीज पर दी थी। उस समय योगपीठ ने स्टैंप ड्यूटी व पंजीकरण फीस के 17,31,214 रुपए जमा किए थे। 27 फरवरी, 2013 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने योगपीठ को साधुपुल में दी गई भूमि की लीज रद्द कर दी और नए लीज रूल बना दिए। नए लीज रूल के अनुसार भूमि की वर्तमान मार्कीट वैल्यू का 10 फीसदी हर वर्ष लीज मनी के रूप में जमा करना होगा। एक रुपए के टोकन मनी पर भूमि लीज पर नहीं मिलेगी। योगपीठ ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा रद्द की गई लीज के खिलाफ अपील की थी।

2017 में कांग्रेस के खिलाफ वापस लिया था केस

सूत्रों का कहना है कि योगपीठ ने वर्ष 2017 में कांग्रेस सरकार के समय में ही हाईकोर्ट से अपना केस वापस ले लिया था और सरकार ने भूमि की वर्तमान मार्कीट वैल्यू के आधार पर लीज करने को तैयार हो गई थी। बताया जा रहा है कि इसको लेकर दोनों पक्षों में समझौता हो गया था। योगपीठ ने इसके लिए करीब 83 लाख रुपए भी जमा कर दिए थे लेकिन लीज एग्जीक्यूट करने के लिए वार्षिक 1.20 करोड़ रुपए की लीज मनी जमा करने को कहा गया, तबसे यह मामला लटका हुआ था। पूर्व कांग्रेस सरकार ने योगपीठ को यह जमीन 27 करोड़ रुपए एकमुश्त लीज पर देने को कहा था लेकिन अब यह जमीन 2.38 करोड़ एकमुश्त लीज पर दी जा रही है।

क्या कहते हैं डी.सी. सोलन

डी.सी. सोलन विनोद कुमार ने कहा कि पतंजलि योगपीठ को 2.38 करोड़ रुपए लीज मनी एकमुश्त जमा करने के लिए पत्र लिखा गया है। इसके बाद ही साधुपुल में 93 बीघा भूमिकी लीज की प्रक्रिया शुरू होगी। योगपीठ की ओर से पत्र का जवाब नहीं आया है।


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Vijay

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