बच्चे के लिए Vegan Diet बढ़ा सकती है मिर्गी का खतराः रिसर्च

punjabkesari.in Wednesday, Dec 12, 2018 - 07:35 PM (IST)

मां को हर समय यही चिंता सताती रहती है कि बच्चे के लिए कौन-सी डाइट बेस्ट है, जिससे उसके शारीरिक विकास में रूकावट आए। वहीं, कुछ लोग नॉनवेजीटेरियन फूड को अच्छा नहीं समझते इसलिए वे अपने बच्चे को ऐसे आहार से दूर रखकर वेगन डाइट पर भरोसा करते हैं। दूसरी तरफ पौष्टिक आहार के चक्कर में आजकल लोगों में वेगन डाइट फॉलो करने का भी खूब क्रेज चल रहा है। जिसमें वे अपने बच्चे को भी शामिल कर लेते हैं जबकि यह डाइट बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। 

नॉनवेज और डेयरी प्रॉडक्ट्स की अनदेखी हानिकारक

इस विषय में चिकित्‍सक चेतावनी देते हैं कि बिना डॉक्‍टरी परामर्श के बच्‍चों के आहार से मछली, सीफूड, मांस, चिकन, अंडे और डेयरी प्रॉडक्ट को हटाना उसकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। सिर्फ वेजीटेरियन फूड्स बच्चे की शारीरिक जरूरतों और पोषक तत्वों को पूरा नहीं कर पाते नतीजा बच्चा शारीरिक रूप से कमजोर होना शुरू हो जाता है। 

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बढ़ता है मिर्गी का खतरा

बच्चे की डाइट को लेकर किए गए अध्ययन में चौकाने वाली नतीजे सामने आए हैं जिसमें चिकित्सक माता-पिता को चेतावनी दे रहे हैं कि शाकाहारी आहार बच्चे में शारीरिक विकार और मिर्गी संबंधी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। द सन ऑनलाइन में प्रकाशित इस रिपोर्ट मुताबिक, लंबे समय तक वेगन डाइट फॉलो करने वाले लोगों में शारीरिक और मानसिक समस्याएं आ जाती हैं। जिसके लिए उपचार की जरूरत पड़ती है। जो मां-बाप बच्चे को भी यही डाइट लेने के लिए प्रेरित करते हैं उनमें संज्ञानात्‍मक विकास (cognitive development) संबंधी परेशानी बहुत जल्दी आ जाती है।

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रह जाती है पोषण की कमी

बच्चे की मानसिक और शारीरिक विकास के लिए उसे भरपूर पोषण की जरूरत होती है, जिसमें विटामिन बी 12 बहुत अहम है। वेजीटेरियन डाइट में यह तत्व नहीं मिल पाता। इस कमी को पूरा करने के लिए मछली, अंडा, कलेजी,चिकन आदि की जरूरत पड़ती है। 

बच्चे को किस तरह शुरु करवाएं नॉनवेज

नॉन-वेजिटेरियन फूड्स बच्चे की मांसपेशियों और प्रारम्भिक स्तर के विकास का अच्छा स्त्रोत है। इसमें प्रोटीन और विटामिन बी12 की भरपूर मात्रा पाई जाती है लेकिन एक साल से कम उम्र के बच्चे को इस तरह का फूड नहीं खिलाना चाहिए। उसे मां के दूध से ही पूरा पोषण मिल जाता है लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे नॉनवेज की शुरुआत कर देनी चाहिए ताकि उसका पाचन तंत्र इसे पचाने में सक्षम होने लगे। आइए जानें क्या है बच्चे को नॉन वेज आहार देने के नियम। 

अंडे से शुरुआत 

अंडा प्रोटीन का बेस्ट स्त्रोत है। जब बच्चा 9 महीने का हो जाए तो इसकी शुरुआत कर देनी चाहिए। इससे पहले उसे अंडा पचाने में परेशानी हो सकती है लेकिन अब तक उसे चिकन न खिलाएं। 

1 साल के बाद दें मछली और चिकन

मछली या चिकन की शुरुआत करने के लिए 1 साल का इंतजार करें। इसे 14 माह के बाद मछली और चिकन का सूप दे सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि चिकन के टुकड़े उसे न खिलाएं। 

चिकन से पहले दें मछली

बच्चे को नॉनवेज खिलाने का तरीका है कि मछली से इसकी शुरुआत करें। इसके बाद उसे उबला हुआ चिकन खिला सकते हैं। 

ज्यादा मात्रा न खिलाएं

यह खाना पचाने में थोड़ा ज्यादा समय लेता है जिसका बच्चे का पाचन क्रिया पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। थोड़ी-थोड़ी मात्रा से इसकी शुरुआत करें, मछ्ली और चिकन बच्चे को डिनर में दें ना कि लंच में क्यों कि इस समय उसे पचने का पूरा समय मिल जाएगा।


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Content Writer

Priya verma

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