बसों की खरीद-फरोख्त पर श्वेत पत्र लाकर जांच करेगी सरकार

punjabkesari.in Tuesday, Dec 11, 2018 - 11:25 PM (IST)

धर्मशाला (जिनेश): पूर्व सरकार के दौरान जितनी भी बसों की खरीद-फरोख्त हुई है उस पर सरकार श्वेत पत्र लाकर जांच करेगी। यह जानकारी विधानसभा सत्र के दौरान नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया के सवाल के जवाब में परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने दी। परिवहन मंत्री ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में 2101 बसें खरीदी गई हैं, जिनमें 1295 बसें एच.आर.टी.सी. और 806 बसें एच.पी.सी.टी. अन्य कोटे में खरीदी गई हैं। 2014-15 में जे.एन.यू.आर.एम. के तहत 791 बसें 90/10 के अनुपात में खरीदी गई थीं। बसों की खरीद-फरोख्त का मामला भाजपा की चार्जशीट का हिस्सा भी है और सरकार 2 महीने के भीतर बस खरीद पर श्वेत पत्र लाएगी।

नई इलैक्ट्रिक बसों के लिए प्रदेश में ही स्थापित होगी वर्कशॉप

राकेश पठानिया ने इलैक्ट्रिक बसों की मुरम्मत के लिए पिछली सरकार द्वारा निजी कंपनी से 8 साल के लिए 36 लाख रुपए सालाना मुरम्मत खर्च के समझौते पर सवाल उठाते हुए इसकी जांच की मांग की। इसके जवाब में परिवहन मंत्री ने कहा कि सरकार नई इलैक्ट्रिक बसों के लिए प्रदेश में ही वर्कशॉप स्थापित करेगी। इससे पहले राकेश पठानिया ने आरोप लगाए कि 63 करोड़ रुपए भारत सरकार ने प्रदेश सरकार को वर्कशॉप स्थापित करने के लिए भी दिए थे जोकि पूर्व की सरकार खर्च नहीं कर पाई। इस कारण 63 करोड़ रुपए लैप्स हो गए।

राज्यपाल को भेजी शिकायत पूरी तरह निराधार

इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि मुंबई के एक अधिवक्ता ने राज्यपाल को एक शिकायत भेजी है, जिसमें इलैक्ट्रिक बसों की खरीद-फरोख्त में धांधली की बात कही है। इसके जवाब में परिवहन मंत्री ने कहा कि जो भी जानकारी सदन में रखी है यह सही जानकारी है और जिस व्यक्ति ने राज्यपाल को शिकायत भेजी है वह पूरी तरह निराधार है। इस मामले पर सरकार जल्द ही उक्त व्यक्ति पर मामला दर्ज करवाएगी।

ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क के 313 प्रभावित परिवारों को मिल चुका है मुआवजा

ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क के अंदर 314 प्रभावित परिवारों को क्लेम सरकार द्वारा दिया गया है। इन 314 लोगों में से 313 लोगों को जिला समाहत्र्ता एवं उपायुक्त कुल्लू द्वारा निर्धारित मुआवजा दिया गया है। यह जानकारी बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी के तारांकित प्रश्न के जवाब में वन मंत्री ने दी है। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों में से एक व्यक्ति ने क्लेम लेने से मना कर दिया, जिसके बाद उक्त व्यक्ति का क्लेम सरकारी खजाने में जमा किया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद मृतक के वारिसों के साथ क्लेम की अदायगी के संबंध में बात चल रही है। उन्होंने कहा कि वारिसों की सहमति होने के बाद क्लेम की अदायगी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क के ईको जोन के अंतर्गत 13 ग्राम पंचायतें आती हैं, जिनमें 187 गांव हैं, वहीं नैशनल पार्क के कोर जोन में कोई भी गांव नहीं आता है।


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Vijay

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