निगम की 32 फाइलों में छिपा 100 करोड़ का घोटाला

punjabkesari.in Tuesday, Dec 11, 2018 - 12:22 PM (IST)

फरीदाबाद(दीपक): आर्थिक तंगी से जूझने वाले नगर निगम की फाइलो में करोड़ों का घोटाला छिपा हुआ है। अगर निगम अधिकारी पूरी गंभीरता के साथ काम करते तो शायद निगम को आर्थिक तंगी से नहीं जूझना पड़ता। निगम में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की कवायद में जुटे निवर्तमान निगमायुक्त मो. शाईन जाते जाते करीब 100 करोड़ की वित्तीय अनियमितता के 32 मामलों की फाइलें खोल गए। उन्होंने इन 32 विकास कार्यों की जांच विजिलेंस से कराए जाने का आदेश जारी किया है। निगमायुक्त के तबादले से खुशी मना रहे इंजीनियरिंग शाखा के कर्मचारियों की खुशी विजिलेंस जांच के आदेश से छिन गई है।

अब देखा जाना है कि उनके जाने के बाद यह फाइलें विजिलेंस विभाग को सौंपी जाती हैं या ठंडे बस्ते में डाल दी जाएंगी, यह नगर निगम का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे उपायुक्त अतुल कुमार द्विवेदी पर निर्भर होगा। पदभार छोडऩे से पहले अनौपचारिक मुलाकात में निगमायुक्त ने नगर निगम में पिछले चार से पांच वर्ष में विकास कार्यों में हुई हेराफेरी, वित्तीय अनियमितता, केंद्रीय भंडार के रिकॉर्ड में हेराफेरी जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने अपने करीब ग्यारह माह के कार्यकाल में इंजीनियरिंग शाखा, योजना शाखा में कई सौ करोड़ की वित्तीय अनियिमतताएं उजागर की। इन दोनों शाखा मेें अभी और भी घपले घोटाले सामने आने हैं।


निगमायुक्त ने इंजीनियरिंग शाखा में 32 विकास कार्य इस तरह के पकड़े जिनमें बिना टेंडर प्रक्रिया के ठेका जारी करना, काम होने से पहले ही ठेकेदार को भुगतान, एक ही काम के लिए दो बार भुगतान, बिना काम के ही कागजों पर पूर्ण दिखा कर भुगतान जैसी अनियमितताएं की गई हैं। उन्होंने इन मामलो की जांच विजिलेंस से कराने के आदेश दिए हैं। उन्होंने इन 32 विकास कार्यों की आंतरिक ऑडिट भी कराई। ऑडिट में कार्यकारी अभियंता स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत उजागर हुई है। कई जोन के कार्यकारी अभियंताओं ने बिना प्रक्रिया के अपने चहेते ठेकेदार को टेंडर दे दिया। यही नहीं ठेकेदार ने समय पर काम पूरा नहीं किया तो उस पर जुर्माना लगाने के बजाय, दोबारा काम उसे ही सौंप दिया गया।


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Deepak Paul

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