श्रद्धालुओं ने मंदिर के पुजारी पर भूमि को कब्जाने का लगाया आरोप

punjabkesari.in Tuesday, Dec 11, 2018 - 09:20 AM (IST)

पठानकोट(शारदा): लोगों की धार्मिक आस्था से जुड़े नगर के प्राचीन व प्रसिद्ध बाऊलियों वाले मंदिर का विवाद इन दिनों सुॢखयों में हैं। 2 दिन पहले ही इस मंदिर से जुड़ी जमीन पर स्थित प्रसिद्ध बाऊली में मिट्टी व बजरी आदि डालकर उसे बंद कर दिया गया था।

इस बात की भनक जब स्थानीय लोगों को पता चली तो इसका संज्ञान लेकर श्रद्धालुओं ने मंदिर के पुजारी को तलब करके इसकी विस्तृत जानकारी ली व मिट्टी डालकर बाऊली बंद करने का कारण पूछा। इस बाबत पुजारी ने बताया कि बाऊली में काफी गंदगी भर गई थी इसके चलते कुछ दानी सज्जनों के सहयोग से इसकी स्वच्छता हेतु बंद किया गया है। इस पर श्रद्धालुओं ने मंदिर के पुजारी पर उक्त बहुमूल्य भूमि को कब्जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायत की।

शिकायत में स्थानीय लोगों ने बताया कि उक्त बाऊलियों वाला मंदिर 18वीं सदी में बनाया गया प्राचीन मंदिर है, जिसमें लोग नहाने व नियमित रूप से पूजा अर्चना करते आ रहे हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस मामले की जांच करने की मांग करते हुए गुहार लगाई, इस मंदिर को कब्जाने की जो साजिश की जा रही है उसके तथ्यों को जनता के सामने रखा जाए।मंदिर को लेकर पनपे विवाद को लेकर शिकायत होने के बाद पुलिस पार्टी मौके पर पहुंची। पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे डिवीजन नं.-1 के प्रभारी कुलदीप शर्मा ने बताया कि दोनों पक्षों की शिकायत पुलिस को आई है। मामले की जांच करके तथ्य खंगाले जा रहे हैं। दोनों पक्षों को पक्ष रखने हेतु ताकीद दी गई है।

मंदिर कब्जाने के आरोप निराधार: मंदिर पुजारी
श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर को कब्जाने के आरोपों को निराधार बताते हुए मंदिर के पुजारी बोध राज ने कहा कि जो लोग उन पर उंगली उठा रहे हैं, उन्होंने मंदिर हेतु कभी किसी प्रकार का सहयोग नहीं दिया। मंदिर की भूमि पर किसी भी सूरत में कब्जा नहीं किया जा रहा है, अलबता मंदिर के जीर्णोद्वार हेतु इस धार्मिक स्थल को दुरुस्त किया जा जा रहा है। बाऊली बंद करने का तर्क देते हुए पुजारी ने कहा कि बाऊली लंबे समय से सूख चुकी है। बरसात के दिनों में संलग्र गंदा नाला जब ओवरफ्लो हो जाता है तो नाले से आई गंदगी मंदिर परिसर में आ जाती है, जिससे इस मंदिर की आस्था को ठेस लगती है।


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