आपके बच्चे को बीमार कर रही है ‘पबजी’ गेम, जानिए कैसे ?

punjabkesari.in Thursday, Dec 13, 2018 - 03:55 PM (IST)

ऑनलाइन गेम्स खेलने का क्रेज युवाओं ही नहीं बल्कि बच्चों में भी खूब देखने को मिलता है जो लगातार तेजी से बढ़ रहा है। इन दिनों ‘पबजी गेम’ का क्रेज खूब देखने को मिल रहा है। अब तक इस गेम को गूगल प्लेस्टोर पर 50 मिलियन से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है लेकिन यह क्रेज युवाओं में गंदी लत बनकर सामने आ रहा है। 

बुरी तरह एडिक्ट हो रहे हैं युवा और बच्चे

युवा और बच्चे इस गेम को खेलने के इस कद्र आदि होते जा रहे हैं कि दिन-रात फोन के साथ ही चिपके रहते हैं। गेम के टास्क पूरे करने के लिए वह ना तो खाने की परवाह करते हैं और ना ही नींद की।  अगर आपका बच्चा भी पबजी खेलते समय आपको नजरअंदाज कर रहा है तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। 
PunjabKesari, pub g

बच्चे क्यों हो रहे हैं ‘पबजी’ गेम से अट्रैक्ट ? 

गेम के कई तरह के हाईटेक फीचर हैं जिसमें अट्रैक्टिव ग्राफिक्स के साथ-साथ मोशन सेंसरिंग टेक्नोलॉजी और पावरफुल साउंड का इस्तेमाल किया गया है जो बच्चों को बहुत पसंद आ रहा है। लड़कियों से ज्यादा लड़के इसे पसंद कर रहे हैं क्योंकि यह एक्शन गेम है।

PunjabKesari, Side effect of pub g game

गेम कैसे पहुंचा रही हैं सेहत नुकसान

घंटों एक ही पोजिशन में बिना मूवमेंट के बैठने व आंखें गढ़ाए रखने से यह आई साइट को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। गर्दन झुकाकर बैठे रहने से गर्दन दर्द, कुबड़, खाने का ना पचना जैसी दिक्कत आनी शुरू हो जाती है। इसके अलावा अनिद्रा, भूख की कमी, मानसिक परेशानी, परिवार के साथ आपसी तालमेल की कमी, चिढ़चिढ़ापन भी इसी के कारण हो सकते हैं।

1. अपच व मोटापा 

सारा दिन एक ही जगह पर बैठे रहने से शरीर में किसी तरह की मूवमेंट नहीं होती नतीजा खाना -पीना पहुंचाने में दिक्कत आने लगती हैं। बच्चे एक ही जगह पर बैठे-बैठे खा लेते हैं जो मोटापा का भी कारण बन सकती है। 

2. आंखों की कमजोरी

मोबाइल की नीली रोशनी वैसे ही आंखों के लिए हानिकारक मानी जाती हैं वहीं लगातार कई घंटों तक गेम के लिए नजरे गढ़ाए रखने से आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती हैं।

PunjabKesari, Eyesight

3. अनिद्रा की परेशानी

गेम को खेलने के लिए बच्चा कई घंटे बिता देता है। इसके टास्क को जीतने के लिए उनका क्रेज बढ़ता जाता है और वे नींद की भी अनदेखी कर देता है। धीरे-धीरे यह आदत उसे अनिद्रा की शिकार बना देती है। 

4. डिप्रेशन व मानसिक तनाव

बच्चे में मानसिक तनाव और डिप्रेशन का कारण भी वीडियो गेम है। सारा दिन गेम खेलने औक जीतने की सोच उसे तनाव की तरफ धकेलती है। 

5. हिंसक स्वभाव 

गेम में लड़ाई और मार-धाड़ एक्शन, बच्चे के स्वभाव को हिंसक बना रहा है। गेम में बने टास्क की तरह बच्चा असल जीवन में भी वैसा ही व्यवहार करने लगता है। उसके व्यवहार में चिड़िचिड़ापन, अकेलापन और सहनशीलता की कमी होने लगती है। गेम की तरह वह अपने आस-पास के लोगों से भी हिंसक व्यवहार करने लगता है। 

 


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Content Writer

Priya verma

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