ट्विटर सीईओ म्यांमार की तारीफ कर फसे विवादों मे

punjabkesari.in Monday, Dec 10, 2018 - 03:18 PM (IST)

नाएप्यीडॉ (म्यामार): ट्विटर के चीफ एग्जीक्यूटिव जैक डोरसे और विवादों का चोली दामन जैसा साथ प्रतीत होता है। इस बार वह म्यांमार को लेकर विवादों में हैं। उन्होंने म्यमार को टूरिज्म डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करने की बात की है जबकि म्यांमार की स्थिती बिल्कुल इसके विपरीत है । ट्वीट करते हुए जैक ने लिखा 'म्यांमार बहुत सुंदर देश है, लोग खुशी से भरे हुए हैं और भोजन अद्भुत है। मैंने यांगून, मंडले और बागान के शहरों का दौरा किया।हमने देश भर के कई मठों का भी दौरा किया।' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि मैंने मेडिटेशन रिट्रीट के लिए नवंबर में म्यांमार का दौर किया था।
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उनके इस ट्वीट पर दुनियाभर से लोग विरोध जता रहे हैं. म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों के नजरअंदाज कर जैक के इस ट्वीट को लेकर ट्वीटराती लगातार उनपर निशाना साध रहे हैं। 2017 में, म्यांमार की सेना ने रोहिंग्या मुस्लिमों पर कार्रवाई की थी. इसमें हजारों लोगों की हत्या कर दी गई थी। सेना की इस कार्रवाई पर मानवाधिकार संस्थाओं ने कहा था कि सेना ने भूमि जला दी है और मनमानी हत्याओं और बलात्कार किए हैं। इससे पहले, जैक डोरसे पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का भी आरोप था. जैक ने एक फोटो ट्वीट की थी, जिसे ब्राह्मण विरोधी पोस्ट करार दिया गया था।जैक ने एक तस्वीर पोस्ट की थी जिसमें वो अपने हाथ में पोस्टर पकड़े हुए नजर आ रहे थे।
 

पोस्ट में लिखा था 'ब्राह्मण पितृसत्ता का नाश हो।' विप्र फाउंडेशन के युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष राजकुमार शर्मा ने इसके खिलाफ राजस्थान की जोधपुर कोर्ट में याचिका दायर की थी।जिसके बाद कोर्ट ने जैक डोरसे के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके अलावा मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी ने म्यांमार की नेता आंग सान सू ची से अपना अवॉर्ड वापस ले लिया था। संस्था का कहना था कि सू ची ने रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए कुछ नहीं किया। ऐसे में जैक डोरसे के ट्वीट से लोगों का नाराज होना तो स्वाभाविक है।

 


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Tanuja

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