DGP का दौरा भी रहा नाकाम, क्या पुलिस कर रही है कुलारा जैसे बड़े कांड का इंतजार!

punjabkesari.in Monday, Dec 10, 2018 - 12:29 PM (IST)

शाहकोट (मरवाहा, त्रेहन): स्थानीय पुलिस बेशक क्षेत्र में नशे बंद होने के कितने भी दावे क्यों न करे पर सच्चार्इ यह है कि नशे समाप्त नहीं हो रहे, विशेषकर हानिकारक पाऊडर से बनाई जा रही अवैध देसी शराब का काला कारोबार बिना किसी भय के लगातार जारी है।

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मार्च 2016 में पंजाब पुलिस के  महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने पंजाब में नशे को समाप्त करने हेतु विशेष मुहिम की शुरूआत पूरे पंजाब में नशे के काले कारोबार के लिए बदनाम मालवा के जिला मोगा के गांव दोलेवाल जाकर पुलिस-पब्लिक बैठक कर की थी। इसके पश्चात महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने दोआबा के जिला जालंधर के शाहकोट उपमंडल के गांव मलसियां तथा सतलुज के किनारे पर स्थित गांव बाबूपुर को चुना था, जहां उन्होंने लोगों के साथ बैठकें कर नशे के विरुद्ध जंग का बिगुल बजाया था। शाहकोट क्षेत्र में नशे का काला कारोबार कितने बड़े स्तर पर चलता है इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने पूरे पंजाब में दूसरे नंबर पर शाहकोट क्षेत्र का दौरा किया था। इसके पश्चात जिला पुलिस प्रमुख जालंधर के नेतृत्व में पुलिस अधिकारियों ने गांव-गांव में लोगों के साथ बैठकें कर नशे के विरुद्ध अभियान चलाया।

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लोगों को आशा थी कि अब क्षेत्र में नशे का काला कारोबार बंद हो जाएगा, परंतु इतनी बैठकों तथा प्रचार के बाद भी क्षेत्र में न तो नशीले पदार्थों की बिक्री बंद हुई तथा न ही नशे के किसी बड़े तस्कर के विरुद्ध कोई कार्रवाई हुई। इस समय भी क्षेत्र में हानिकारक पाऊडर से तैयार की जा रही देसी शराब की बिक्री जोरों पर है। शाहकोट उपमंडल में जहां पहले देसी शराब गुड़ से तैयार की जाती थी परंतु अब देसी शराब गुड़ के स्थान पर हानिकारक पाऊडर से तैयार की जा रही है। नशे के तस्कर बिना आग जलाए कुछ ही समय में पानी में पाऊडर डालकर देसी शराब तैयार कर लेते हैं तथा असली देसी शराब जैसी बनाने के लिए उसमें कुछ मात्रा में देसी शराब मिला देते हैं। पाऊडर से तैयार की जाने वाली यह शराब मानव शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है। क्षेत्र में असंख्य लोग इसे पी कर सदा की नींद सो चुके हैं। शाहकोट उपमंडल का बड़ा गांव कुलारा इसकी एक उदाहरण है जहां कुछ वर्ष पूर्व ऐसी ही जहरीली शराब पी कर कई लोग एक ही दिन में मौत के मुंह में चले गए थे। 

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मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने सरकार बनने के तुरंत बाद राज्य में नशे का खात्मा करने के लिए विशेष टीम का गठन कर अभियान की शुरूआत कर दी थी। शाहकोट उपमंडल के लोगों को भी आशा थी कि अब यहां भी नशे विशेषकर जहरीली शराब का कारोबार बंद हो जाएगा परन्तु अमरेंद्र सरकार के सत्ता में आने के पौने 2 वर्ष बाद भी नशे का काला कारोबार पहले की तरह जारी है। क्षेत्र निवासियों ने पंजाब सरकार से मांग की है कि जहरीली शराब को बनाने तथा बेचने वाले बड़े-बड़े तस्करों के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई कर इसके निर्माण में लगी फैक्टरियों को तुरंत बंद करवाया जाए ताकि बहुमूल्य मानव जीवन को बचाया जा सके।।


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