EC ने मानी कांग्रेस की मांग, वेबकास्टिंग नहीं कराने का लिया फैसला

12/10/2018 12:12:48 PM

भोपाल: कांग्रेस की आपत्ति के बाद चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की मतगणना के दौरान वेबकास्टिंग नहीं किए जाने का फैसला लिया है। अब सिर्फ सीसीटीवी कैमरों के द्वारा नजर रखी जाएगी। इसके साथ ही आयोग ने यह फैसला भी लिया है कि, मतगणना कक्ष में वाई-फाई नेटवर्क का भी उपयोग नहीं किया जाएगा। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने भी ट्वीट करके यह जानकारी दी है कि, 'कांग्रेस कार्यकर्ता ध्यान दें: चुनाव आयोग द्वारा मतगणना हॉल एवं स्ट्रांग रूम में वाई-फ़ाई नेटवर्क एवं वेबकास्टिंग पर प्रतिबंध लगाया गया है। मतगणना एवं ईवीएम की निगरानी में लगे कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि वे स्वयं जांच करें व वाई-फ़ाई के सिग्नल मिलने पर शिकायत दर्ज करायें। कांग्रेस पार्टी किसी भी नापाक मंसूबे/ साजिश को कामयाब नही होने देगी।'

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कांग्रेस ने वेबकास्टिंग में बीएसएनएल नेटवर्क की भी मांग की थी। कांग्रेस ने इसके लिए आपत्ति दर्ज कराई थी कि, वेबकास्टिंग का ठेका गुजरात की संघवी इन्फोटेक कंपनी को ही क्यों दिया गया। कांग्रेस के अनुसार चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव पदाधिकारी का जब अपना डोमेन है तो निर्वाचन आयोग ने मतगणना की जानकारी देने का काम एक प्राइवेट कंपनी को क्यों दिया। 
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वेबकास्टिंग क्या है ?
वेबकास्टिंग करने के लिए एक कैमरा मतगणना केन्द्र में एसे स्थान पर लगाया जाता है जहां से पूरे केन्द्र की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। यह कैमरा सैंट्रालाइज्ड सर्वर से जुड़ा होता है। जिसके द्वारा यहां होने वाली सभी गतिविधियों का सीधा प्रसारण चुनाव आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग के अॉफिसर देख सकते हैं। 
 

इससे पहले कांग्रेस वाई-फाई को लेकर भी चुनाव आयोग से शिकायत कर चुकी है। कांग्रेस ने इसे लेकर ट्वीट भी किया था कि, 'स्ट्रांग रूम में वाई-फ़ाई सिग्नल क्यों..? इंदौर समेत कई जिलों के स्ट्रांग रूम में वाई-फ़ाई सिग्नल मिलना ईवीएम की सुरक्षा से बड़ा समझौता है। चुनाव आयोग से दोषियों के विरूद्ध त्वरित कार्यवाही और विस्तृत जांच की अपेक्षा है।'


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Vikas kumar

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