अब हिन्दी व इंगलिश ही नहीं गुजराती, कश्मीरी, मराठी में भी बात करेंगे स्कूली बच्चे

punjabkesari.in Monday, Dec 10, 2018 - 09:29 AM (IST)

लुधियाना (विक्की): आने वाले दिनों में जब घर पर आपका मुन्ना किसी अन्य राज्य की भाषा में बात करता सुनाई दे तो हैरान मत होईएगा, क्योंकि सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) ने अपने विद्यार्थियों को और अधिक सूझवान बनाने के उद्देश्य से स्कूलों में इस मुहिम की शुरूआत की है ताकि विद्यार्थी हिन्दी, इंगलिश व क्षेत्रीय भाषा के अलावा देश के विभिन्न राज्यों में बोली जाने वाली अन्य भाषाओं को भी सीख सकें। इस शृंखला में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई.) से संबद्ध अथवा मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढऩे वाले छात्र-छात्राएं अब प्रतिदिन अलग राज्य की भाषा सीखेंगे।

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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के ‘भाषा संगम’ प्रोजैक्ट के तहत इसकी शुरूआत की गई है। सी.बी.एस.ई. ने पिछले दिनों भाषा संगम के लिए नोटीफिकेशन जारी किया था, जिसके अनुसार छात्रों को अगले 1 माह में इन भाषाओं को सिखाने के लिए प्रोजैक्ट चलाया जाएगा। इसमें कक्षा पहली से कक्षा 12वीं तक के छात्रों को शामिल किया जाएगा। इस प्रौजैक्ट का फायदा आपको उस समय दिखाई देगा जब किसी दूसरे राज्य में जाने पर वहां की क्षेत्रीय भाषा में स्थानीय लोगों द्वारा की जाने वाली बातचीत को आपका बच्चा भी आसानी से समझ कर यह बता देगा कि स्थानीय लोग क्या बातें कर रहे हैं। 

1 महीना तक चलेगा प्रोजैक्ट
सी.बी.एस.ई. ने स्कूलों को इस बारे निर्देश जारी कर दिए हैं। अब अगले 1 महीने तक स्टूडैंट्स हिन्दी व अंग्रेजी के अलावा देश के अलग-अलग प्रदेशों की क्षेत्रीय भाषाओं को भी सीख सकेंगे। छात्र इस प्रोजैक्ट के तहत हर भाषा के 5 वाक्य सीखेंगे। इसके बाद उन्हें प्रार्थना के समय इन वाक्यों को बोलना भी होगा।

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वैबसाइट पर अपलोड करना होगा वीडियो
सी.बी.एस.ई. के अधिकारी के मुताबिक सभी स्कूलों को अपनी प्रशिक्षण की वीडियो वैबसाइट पर अपलोड करेंगे, साथ ही छात्रों को घर पर अभिभावकों के साथ इन वाक्यों पर विचार-विमर्श करना होगा। स्कूलों में प्रतिदिन दी जाने वाली जानकारी का वीडियो बनेगा। यह वीडियो सी.बी.एस.ई. की वैबसाइट पर भी अपलोड करना होगा।


ये सिखाई जाएंगी भाषाएं
गुजराती, हिन्दी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उडिय़ा, पंजाबी, संस्कृत, संथली, सिंधी, तमिल व तेलुगू भाषाएं सिखाई जाएंगी। बाद में 21 दिसम्बर को पूरे प्रोजैक्ट का प्रसारण भी किया जाएगा।

सरकार और सी.बी.एस.ई. के निर्देशों के तहत स्कूल में विद्यार्थियों को प्रतिदिन 5-5 वाक्य सिखाए जा रहे हैं। सी.बी.एस.ई. का यह आईडिया तो अच्छा है। इससे बच्चों को अपने देश में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं का ज्ञान होने से उनके ज्ञान में भी काफी वृद्धि होगी।     -प्रिं. सतवंत कौर भुल्लर, डी.ए.वी. पक्खोवाल रोड।


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Sonia Goswami

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