विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होगी ‘आप’

punjabkesari.in Monday, Dec 10, 2018 - 04:54 AM (IST)

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा तेदेपा अध्यक्ष एन. चंद्र बाबू नायडू ने 10 दिसम्बर को आम आदमी पार्टी ‘आप’ सहित सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा वरिष्ठ पार्टी नेता संजय सिंह के बैठक में शामिल होने की आशा है। यह पहली बार होगा कि ‘आप’ विपक्षी दलों की ऐसी औपचारिक बैठक में शामिल होगी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी भाग लेंगे।

यद्यपि ‘आप’ ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस द्वारा 10 सितम्बर को बुलाए गए भारत बंद में भाग ले चुकी है। केजरीवाल तथा राहुल गांधी जंतर-मंतर पर 20 नवम्बर को किसानों द्वारा आयोजित रोष प्रदर्शन के दौरान पहली बार मंच भी सांझा कर चुके हैं। नायडू के साथ राकांपा अध्यक्ष शरद पवार 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा को पराजित करने के लिए कांग्रेस तथा ‘आप’ सहित  विपक्षी दलों के बीच मतभेद समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। पवार, नायडू तथा राहुल सहित सभी वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने अभी तक प्रधानमंत्री पद के लिए एक संयुक्त उम्मीदवार घोषित करने से इंकार किया है। 

चुनावी सर्वेक्षणों से बढ़ी दिलचस्पी
शुक्रवार को पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए मतदान समाप्त होने के बाद चुनावी सर्वेक्षणों के आंकड़ों के उपरांत लड़ाई और अधिक दिलचस्प हो गई है। चूंकि भाजपा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में अपना शासन बनाए रखना चाहती है और तेलंगाना तथा मिजोरम में पार्टी  का मजबूत आधार नहीं है, इसलिए उन्हें पता है कि इन दो राज्यों से उन्हें कुछ अधिक हासिल होने वाला नहीं है। राजस्थान में इस तथ्य को जानते हुए कि इस चुनाव में वसुंधरा राजे की छवि उनके पक्ष में नहीं है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी रैलियों में कभी भी उनके नाम का उल्लेख नहीं किया और लोगों को भाजपा को वोट देने की अपील की क्योंकि उन्हें डर है कि इस बार वह राजस्थान को गंवा रहे हैं लेकिन पार्टी कम से कम मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ को अपने हाथ में रखना चाहती है। 

इस बार चुनावी सर्वेक्षण इतने रोमांचक तथा राजनीतिक दलों के बीच वाद-विवाद का विषय बन गए कि एक न्यूज चैनल पर लाइव डिबेट के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया तथा उनके भाजपा के समकक्ष गौरव भाटिया एक-दूसरे से गुत्थम-गुत्था हो गए, जिसके परिणामस्वरूप सपा प्रवक्ता को गिरफ्तार कर लिया गया। राजनीति पर्यवेक्षकों के अनुसार ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यह 2019 के लोकसभा चुनावों का सैमीफाइनल है। 

लोकसभा चुनावों में शिवपाल की पार्टी किसका समर्थन करेगी
शिवपाल यादव ने अपने भतीजे अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी का विध्वंस करने के उद्देश्य से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन किया है और 63 जिलों तथा महानगरों में से 46 में 29 मुसलमानों और 17 यादवों को अध्यक्ष बनाया है। शिवपाल की पार्टी में शामिल होने से पूर्व इन पदाधिकारियों के पास समाजवादी पार्टी में संगठनात्मक जिम्मेदारी थी। शिवपाल यादव के अनुसार उनका मुख्य उद्देश्य 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ सपा-बसपा की ताकत को कुंद करने का प्रयास नहीं है, बल्कि 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव हैं। यद्यपि शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में पी.एस.पी. लोहिया पार्टी भाजपा के खिलाफ लड़ेगी लेकिन भाजपा सहित अन्य पार्टियां देख रही हैं कि शिवपाल यादव की नई पार्टी निश्चित तौर पर सपा-बसपा गठबंधन की ताकत को चोट पहुंचाएगी, जिसके उत्तर प्रदेश में आयोजित तीन उपचुनावों में सफलता प्राप्त करने के बाद आने वाले लोकसभा चुनावों तक जारी रहने की सम्भावना है। 

उपेन्द्र कुशवाहा की रणनीति 
रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने बिहार में नीतीश कुमार नीत राजग सरकार की शिक्षा नीति के विरोध में शनिवार को 2 दिवसीय उपवास शुरू किया। उनके धरने का भाजपा पर असर पड़े या नहीं लेकिन केन्द्रीय संसदीय मामलों के मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने उन्हें सोमवार को संसद सत्र से पूर्व राजग की बैठक में आमंत्रित किया है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इससे पूर्व कुशवाहा 10 दिसम्बर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने का प्रयास कर रहे थे, हालांकि कुशवाहा ने ऐसी किसी भी योजना से इंकार किया है और अब वह राजग की बैठक में शामिल होंगे। इस बीच शरद यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि कुशवाहा द्वारा औपचारिक तौर पर रालोसपा के राजग से बाहर  होने की घोषणा के बाद उनकी पार्टी का रालोसपा में विलय हो जाएगा। शरद यादव के अनुसार कुशवाहा 11 दिसम्बर को पांच विधानसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। 

भाजपा बनाम ममता बनर्जी 
पुलिस ने शनिवार को पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष सहित पार्टी नेताओं के खिलाफ स्वसंज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया। दिलीप घोष के अनुसार जनसभा पहले से ही निर्धारित थी और लोग सभा स्थल पर पहुंच चुके थे। वह आभार जताने के लिए मंच पर गए और भीड़ से कहा कि पार्टी बैठक को सम्बोधित नहीं करेगी। राज्य सरकार द्वारा कानून व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए कार्यक्रम का विरोध करने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के उपरांत कूच बिहार में भाजपा की रथयात्रा स्थगित कर दी गई थी। तृणमूल कांग्रेस नेत्री के अनुसार मामला अदालत में था, ऐसे में भाजपा बैठक का आयोजन कैसे कर सकती थी। इस बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मीडिया को बताया कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में उनकी आवाज को दबा नहीं पाएंगी तथा वे निश्चित तौर पर सभी रथयात्राओं का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वह पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार बनाएंगे।-राहिल नोरा चोपड़ा


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Pardeep

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