तो क्या किसानों की कर्जमाफी के रास्ते ही लोकसभा चुनाव की तैयारी में है कांग्रेस ?
12/9/2018 5:42:52 PM
भोपाल: शुक्रवार को जारी किए गए एग्जिट पोल के आंकणों के अनुसार प्रदेश में अबकी बार कांग्रेस की सरकार बनते हुए दिखाई दे रही है। अगर ऐसा होता है तो, इसमें सबसे बड़ी भूमिका किसानों की ही मानी जाएगी क्योंकि, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान लगभग सभी जनसभाओं में किसानों की कर्जमाफी की बात कही और यह भी कहा कि, सरकार बनने के 10 दिन के अंदर ही कर्जमाफी कर दी जाएगी। कांग्रेस ने प्रदेश में इस बार किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा जोरों-शोरों से उठाया और अपने घोषणापत्र में भी किसानों से जुड़े इस मुद्दे को जगह दी। वहीं देश के दो बड़े राज्यों पंजाब और कर्नाटक में कांग्रेस ने कर्जमाफी भी कर दी है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बार अपनी हर चुनावी सभा में किसानों की कर्जमाफी को लेकर बड़े-बड़े दावे किए और इसका असर मतदान में भी देखने को मिला। मंदसौर गोली कांड के बाद पूरे मालवा क्षेत्र के किसानों ने इस बार विधानसभा चुनावों में जमकर वोटिंग की। जो अपने आप में बीजेपी के लिए चिंता का विषय है। क्योंकि किसानों का एक बड़ा वर्ग भाजपा से नाराज है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों की कर्जमाफी को अपना सबसे बड़ा वादा बताया है। इसके उलट बीजेपी ने कहीं भी कर्जमाफी को लेकर बात नहीं कही है। जिसका सीधा असर भाजपा को 2019 लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है।
कांग्रेस का यह वादा 2019 में बीजेपी के लिए बन सकता है खतरे का सबब
अगर कांग्रेस मध्यप्रदेश में सरकार बनाने के बाद यह वादा पूरा करती है तो, 2019 लोकसभा चुनाव में यह बीजेपी के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है। क्योंकि यह तो स्पष्ट हो चुका है कि, मंदसौर गोली कांड के बाद से प्रदेश बीजेपी सरकार के खिलाफ किसानों में आक्रोश कायम है। मालवा क्षेत्र से इस बार किसानों की बम्पर वोटिंग का मतलब क्या यह समझा जा सकता है कि, कहीं ये वोट कांग्रेस के लिए तो नहीं हैं क्योंकि पूरे प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस ही आवाज उठाती रही है।
क्या कर्जमाफी से प्रदेश पर बढ़ सकता है आर्थिक बोझ ?
आंकणों के अनुसार मध्यप्रदेश में करीब 85 लाख किसान हैं। जिनमें से कुल 52 लाख किसान कर्जदार हैं औऱ कुल 17 लाख किसान डिफाल्टर हो चुके हैं। अगर कर्जमाफी की जाती है तो राज्य के ऊपर 12 से 18 हजार करोड़ तक का अतिरिक्त भार आ सकता है। क्योंकि कांग्रेस ने किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की है और इस बात की आशंका भी जताई जा रही है कि कांग्रेस कर्जमाफी की तारीख का एलान शपथग्रहण के समय मंच पर ही कर सकती है।
मालवा के किसानों ने की बम्पर वोटिंग...
मंदसौर गोली कांड के बाद पूरे मालवा क्षेत्र में इस बार बम्पर वोटिंग हुई है। रतलाम ग्रामीण में 84.71%, रतलाम शहर में 71.71 %, सैलाना में 88.10% मंदसौर में 78.68% जावद में 84 %, मनासा में 84.28%, जावरा में 83.40% और मल्हारगढ़ में 85.85% मतदान हुए हैं। कांग्रेस को लगता है कि किसानों ने उनके पक्ष में ही मतदान किया है। यदि कांग्रेस को सफलता मिलती है तो संभव है कि लोकसभा चुनाव के लिए भी लड़ाई इसी रास्ते लड़ी जाए।
11 दिसंबर को जारी होगा जनता का एग्जिट पोल
प्रदेश में 11 दिसंबर को सारी अटकलों पर पूरी तरह से विराम लग जाएगा। शुक्रवार को जारी किए गए एग्जिट पोलों ने बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। अगर यह एग्जिट पोल ही परिणाम हुए तो 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भी सरकार बनाने के लिए वैशाखी का सहारा लेना पड़ सकता है। क्योंकि राजस्थान और मध्यप्रदेश में कुल 54 लोकसभा सीटें हैं जिनमें 2014 के चुनाव में बीजेपी ने 52 सीटों पर जीत दर्ज की थी। अब सवाल यह उठता है कि, अगर बीजेपी इन दोनों बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव हार जाती है तो इसका सीधा असर दोनों राज्यों की 20 से 25 लोकसभा सीटों पर देखने को मिल सकता है।