MOVIE REVIEW: सारा-सुशांत की एक्टिंग के आगे फिकी पड़ी 'केदारनाथ' की कहानी
12/7/2018 12:55:23 PM
मुंबई: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह और सारा अली खान की फिल्म 'केदारनाथ' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। सैफ की बेटी सारा ने इस फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा है। ये फिल्म अभिषेक कपूर के निर्देशन में बनी हैं। इसमें सारा और सुशांत लीड रोल में है।
कहानी
इस फिल्म को केदारनाथ में साल 2013 में आए प्रलय से जोड़ा गया है। लड़का, लड़की, प्यार, इजहार, इनकार और फिर इकरार के साथ कहानी में दो परिवारों के बीच होने वाला घमासान युद्ध भी है। केदारनाथ की कहानी एक हिन्दू पंडित की बेटी मंदाकिनी उर्फ़ मुक्कु (सारा अली खान) से शुरू होती है जो की बेहद जिद्दी, खुशमिज़ाज़ और अल्हड़ हैं। मुक्कु को एक मुस्लिम पिट्ठू (तीर्थयात्रियों को कंधे पर उठानेवाला) मंसूर (सुशांत सिंह राजपूत) से प्यार हो जाता है। दो अलग धर्म के लोगों का प्यार वादी के लोगों को पसंद नहीं आता और फिर इस प्यार को तोड़ने की भरपूर जद्दोजहद शुरू हो जाती है। इस पूरी कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब मंदाकिनी और मंसूर के प्यार को तोड़ने के लिए पंडितों और पिट्ठुओं के बीच जंग छिड़ जाती है और इसी बीच कुदरत भी अपना कहर बरपा देता है।
क्यों देखें फिल्म
फिल्म को आप सारा अली खान के लिए देख सकते है। सारा नैचुरली जितनी खूबसूरत और बेबाक हैं परदे पर भी उनकी खूबसूरती और बेबाकपन साफ़ झलकता है। फिल्म देखकर लगता ही नहीं की ये उनकी पहली फिल्म है। फिल्म के एक एक सीन में सारा कॉन्फिडेंट और दमदार दिखीं। इसके अलावा सुशांत सिंह राजपूत ने भी इस पूरी फिल्म में काफी मेहनत की है। सुशांत ने शारीरिक तौर पर काफी मेहनत की है। फिल्म में वो एक पिट्ठू के किरदार में हैं।
डायरेक्शन
फिल्म में सारा और सुशांत के बीच कई ऐसे खूबसूरत लम्हे फिल्माए गए हैं, जिसे देखकर कभी-कभी सारा में उनकी मां अमृता सिंह की झलक दिखाई देती है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी भी काफी अच्छी है। वादी की खूबसूरती को तुषार कांती रॉय ने कैमरे और ड्रोन से जिस खूबसूरती से फिल्माया गया है वो काबि-ए-तारीफ है।
कमजोर कड़ियां
फिल्म की कमजोर कड़ी की बात करें तो वो है इसकी कहानी। केदारनाथ की कहानी पस्त है। साथ ही फिल्म में जरूरत के मुताबिक, गाने ही नहीं हैं। 'नमो नमो' गाने के अलावा अमित त्रिवेदी कोई खास कमाल नहीं दिखा पाए हैं। वहीं दूसरी ओर फिल्म की कहानी काफी प्रिडिक्टेबल है और क्लाइमेक्स भी थोड़ा बेहतर हो सकता था।
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