विजय माल्या की सरकार से अपील, कर्ज के सारे पैसे ले लो, पर मुझे चोर मत कहो

punjabkesari.in Thursday, Dec 06, 2018 - 09:48 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने बैंकों से लिया गया पैसा चुकाने के अपने प्रस्ताव का अपने या मिशेल के प्रत्यर्पण से किसी तरह का कोई लिंक होने से इनकार किया है। माल्या ने कहा है कि वह सिर्फ इतना चाहते हैं कि पैसे वापस ले लिए जाएं और उन्हें बार- बार चोर न कहा जाएं। उन्होंने सरकार से अपील की कि कर्ज के सारे पैसे मुझसे वापिस ले लो पर मुझे चोर न कहो।
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माल्या ने गुरुवार को ट्वीट करके फिर से बैंकों का कर्ज चुकाने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि प्लीज पैसे ले लीजिए इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह उन किस्सों को खत्म करना चाहते हैं कि वे बैंकों का पैसा लेकर भाग गए हैं।  मंगलवार को अगुस्टा वेस्टलैंड डील में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से भारत लाने में सफलता मिली थी। इसके बाद बुधवार को माल्या ने ट्वीट कर कहा था कि वह बैंकों का 100 प्रतिशत मूलधन (सिर्फ कर्ज की रकम, ब्याज नहीं) चुकाने को तैयार है। इसके बाद माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। माल्या ने फिर ट्वीट कर इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट करने की कोशिश की है।
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मिशेल के भारत आते माल्या ने किए ट्वीट
बता दें जैसे ही मंगलवार को मिशेल भारत आया तो तुरंत बाद माल्या ने कुछ ट्वीट्स कर पैसे वापस करने का ऑफर दिया था। माल्या ने लिखा था, 'नेता और मीडिया लगातार जोर-जोर से मुझे ऐसा डिफॉल्टर बता रहे हैं जो सरकारी बैंकों का पैसा लेकर भाग गया। यह सब झूठ है।  


माल्या ने किया था  2016 में बैंकों का पैसा लौटाने का दावा
माल्या ने दावा किया कि वह 2016 से बैंकों की बकाया राशि का निपटान करने के लिये पेशकश कर रहे थे। माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस की हालत बिगड़ने को लेकर कहा, "विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमतों में तेजी के कारण विमानन कंपनी को वित्तीय दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 
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विजय माल्या ने कल तीन ट्वीट कर कल खुद इस बात की पुष्टि की कि वह भारतीय बैकों के सारे कर्ज चुकता करने को तैयार हैं, मगर वह ब्याज नहीं दे सकते हैं। माल्या ने ट्विटर पर लिखा, 'नेता और मीडिया लगातार जोर-जोर से मुझे ऐसा डिफॉल्टर बता रहे हैं जो सरकारी बैंकों का पैसा लेकर भाग गया। यह सब झूठ है। मेरे साथ उचित व्यवहार क्यों नहीं किया जाता और मैंने कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने लोन सेटलमेंट का जो विस्तृत प्लान पेश किया था, उसकी इतनी ही जोर-शोर से बात क्यों नहीं होती है? दुखद।'

 

 


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Isha

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