Kundli Tv- क्या सच में एेसे लोगों में भी पाए जाते हैं दोष

punjabkesari.in Monday, Dec 03, 2018 - 05:21 PM (IST)

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चाणक्य एक एेसी महान विभूति थे, जिन्होंने केवल अपने ज्ञान के बलबूते पर दुनिया में अपनी एक पहचान बनाई। न केवल पहचान बनाई बल्कि अपने ज्ञान को दूसरों तक पहुंचाने के लिए चाणक्य नीति नाम की एक पुस्तक की रचना भी की। जिसके द्वारा उन्होंने मानव जीवन को बहुत सी बातों के बारे में बताना चाहा है। तो आइए जानते हैं इनकी एक एेसी नीति के बारे में जिसमें उन्होंने बताया है कि साधु-महात्मा भी दोषविहीन नहीं होते हैं।
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श्लोकः विपश्चित्स्वपि सुलभा दोषा:।

अर्थः दोष तो सभी में पाए जाते हैं। यहां तक कि साधु-महात्मा भी दोषविहीन नहीं होते, परन्तु ऐसे सज्जन और श्रेष्ठजन के मामूली दोषों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
फंसे हैं किसी विवाद में तो इस देवी की करें पूजा 


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