ये 6 नमकीन पानी की झीलें देश को बनाती हैं ''Incredible India''

punjabkesari.in Sunday, Dec 02, 2018 - 02:12 PM (IST)

खूबसूरती के मामले में भारत दुनिया भर में सबसे अलग है। यहां हर चीज में कुदरत के बेमिसाल रंग देखने को मिलते हैं। यही कारण है की इस देश को अतुल्य भारत के नाम से भी जाना जाता है। आज हम देश की ऐतिहासिक जगहों नहीं बल्कि नमक की झीलों के बारे में बात कर रहे हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे। आइए जानें इनकी खासीयत। 

भारत में नमक की झीलों की कुल संख्या 6

यहां पर एक नहीं बल्कि 6 नमकीन पानी की झीलें हैं। यही कारण है कि यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं। 

लोनार झील

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिला में स्थित इस झील को लोनार क्रेटर के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है गड्ढ़ा। कहा जाता है कि इस झील का निर्माण सदियों पहले उल्का पिंड गिरने के कारण हुआ था। इस वजह से इसे लोनार झील कहा जाता है। इस झील का खारा पानी 5 से 8 मीटर तक भरा हुआ है।

सांभर झील

राज्यस्थान में स्थित सांभर झील भी खारे पानी की झील है। यहां पर नमक की ज्यादा मात्रा होने के कारण ‘सांभर नमक परियोजना' नामक प्रोजेक्ट चलाया जा रहा। 

चिल्का झील

ओडिशा में स्थिक चिल्का झील भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की सबसे बड़ी झील है। वैसे तो इस झील का पानी खारा है लेकिन खास बात यह है कि दिसम्बर से जून तक इस झील का पानी खारा रहता है लेकिन मानसून में ये झील मीठे पानी से भर जाती है। इसी वजह से यह पर्यटकों के आकर्षण का खास केन्द्र रहती है। 

पुलिकट झील

तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की बीच में स्थित पुलिकट झील, भारत की दूसरी सबसे बड़ी खारी झील है। इस झील की खास बात यह है कि इसमें अरनी नदी, कलंगी नदी और स्वर्णमुखी नदी यानि तीन नदीयों का पानी आता है। पर्यटक यहा पर खासतौर पर पेलिकन (साइबेरियन पक्षी) को देखने के लिए आते हैं।

पैंगोंग झील

कुदरती नजारों से चारों तरफ से घिरा हुआ लद्दाख बहुत खूबसूरत है। वहां पर हर एक चीज देखने लायक है, इसके अलावा खारे पानी की झील यानि पैंगोंग झील भी लद्दाख की खासीयत है। यह दुनिया की सबसे ऊंची, लंबी और गहरी झील में से एक है। इसके किनारों पर नमक की परते साफ देखी जा सकती हैं। 

पचपदरा झील

राजस्थान के बाड़मेंड़ में पचपदरा नाम के एक गांव में स्थित पचपदरा झील में भी नमक की मात्रा बहुत ज्यादा है। इस झील के बारे में लोगों का कहना है कि 400 साल पहले झील की आसपास दलदल को सुखाकर बस्ति को का निर्माण किया गया था। 


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Content Writer

Priya verma

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