Kundli Tv- किसके श्राप से मां लक्ष्मी बनी घोड़ी?

punjabkesari.in Friday, Nov 30, 2018 - 04:50 PM (IST)

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पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु जगत के पालनहार हैं। ये सभी के दुख दूर करते हैं। कहते हैं जब भी भक्तों ने मुसीबत में इनको पुकारा है अपने भक्तों की रक्षा करने श्री हरि किसी न किसी रूप में ज़रूर प्रकट हुए हैं। देवी लक्ष्मी को इनकी पत्नी के रूप में पूजा जाता है। विष्णु जी पालने वाले हैं तो देवी लक्ष्मी धन,संपदा की देवी माना जाता। भगवान शिव-गौरी के पुत्र के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की संतान के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता होगा। इनकी संतान को जन्म के बाद वन में छोड़ दिया था। आज हम बताएंगे देवी लक्ष्मी की संतान के बारे में और क्यों इसे वन में छोड़ दिया था। आइए जानते हैं इस कथा के बारे में-
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देवी भागवत पुराण के अनुसार भगवान विष्णु ने देवी लक्ष्मी को घोड़ी बनने का शाप दे दिया था। इससे लक्ष्मी दुखी हुई लेकिन कुछ बोली नहीं क्योंकि उन्हें यह पता था कि इसमें भी भगवान की कोई लीला छिपी होगी और देवी घोड़ी बनकर यमुना और तमसा नदी के पास वन में निवास करने लगीं और शाप से मुक्ति के लिए शिव जी की तपस्या करने लगीं। तपस्या से खुश होकर भगवान शिव लक्ष्मी के आगे प्रकट हुए और वरदान मांगने के लिए कहा। देवी लक्ष्मी ने कहा कि अश्वरूप से मेरी मुक्ति तभी संभव है जब मेरी कोई संतान होगी। इसके लिए भगवान विष्णु की कृपा आवश्यक है। आप भगावन विष्णु को समझाएं कि वह मुझे शाप मुक्त कर दें। भगवान शिव ने देवी को पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया और भगवान विष्णु को लक्ष्मी के शाप से मुक्ति के लिए प्रार्थना की। 
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भोलेनाथ की बात मानकर विष्णु ने घोड़े का रूप धारण किया। इसके बाद भगवान विष्णु और लक्ष्मी का मिलन हुआ। लक्ष्मी का स्वरूप घोड़ी ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम एकवीर रखा गया। इस तरह लक्ष्मी श्राप से मुक्त हुई और अपना रूप धारण किया। तब श्री हरि ने उन्हें शाप देने के पीछे की कथा बताई। उन्होंने बताया कि राजा ययाति के वंशज हरिवर्मा विष्णु के समान पुत्र की इच्छा से तपस्या कर रहे हैं। उन्हें संतान प्रदान करने के लिए उन्होंने यह लीला की है। भगवान ने देवी लक्ष्मी से कहा कि हम अपने पुत्र को यहीं वन में छोड़कर चले जाएंगे और राजा हरिवर्मा इन्हें अपने साथ ले जाएंगे। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के इसी पुत्र से हैहेय वंश की उत्पत्ति हुई।
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इस इसी तरह अगर कोई भी भक्त सच्चे दिल से भगवान की आराधना करता है और उनकी पूजा करता है। इसका फल उसे जरूर मिलता है और भगवान उसकी हर मनोकामना पूरी कर उसके दुख हर लेते हैं। 
गाय से जुड़ी ये बातें नहीं जानते होंगे आप.... 


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Jyoti

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