Kundli Tv- इस दिन शुरू किया गया काम कभी नहीं बिगड़ता

punjabkesari.in Friday, Nov 30, 2018 - 10:58 AM (IST)

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चाहे लोग कितने भी माॅर्डन क्यों न हो जाएं फिर भी कहीं न कहीं आज भी बहुत से लोग किसी भी काम को करने से पहले ज्योतिष की सलाह लेना आवश्यक मानते हैं। इसका कारण ये है कि ज्योतिष में हर काम को करने का एक सही मुहूर्त बताया गया है। अगर कोई व्यक्ति इसी के अनुसार काम करता है तो उसके काम की शुरुआत तो अच्छी होती ही है बल्कि उस काम में व्यक्ति को कई लाभ भी प्राप्त होते हैं। परंतु आज हम मुहूर्त के बारे में नहीं बल्कि आपके लिए कुछ एेसी जानकारी लेकर आएं हैं जिसके बारे में जानने के बाद आपकी एक समस्या तो ज़रूर हल हो जाएगी कि किसी भी काम को करने के लिए कौन सा दिन सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। 
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ज्योतिष शास्त्र में एेसी 4 शुभ तिथियों के बारे में बताया गया है जिनको शुभ योग के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि अगर कोई इन तिथियों में किसी भी प्रकार का नया काम शुरू करता है तो उसके सभी काम सफल होते हैं। क्योंकि कहा जाता है कि ये सभी तिथियां अपने आप में ही इतनी शुभ होती हैं कि इन तिथियों में कोई शुभ मुहूर्त  देखने की ज़रूरत नहीं पड़ती। तो आइए यहां जानते हैं आखिर कौन सी हैं वे चार तिथियां-
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सर्वार्थसिद्धि तिथि 
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जब सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, गुरुपुष्यामृत और रविपुष्यामृत योग वारों का कुछ खास नक्षत्रों से संपर्क होता है तो ये स्पेश्ल योग बनते हैं। एेसा कहा गया है कि इन योगों के नामों में ही शुभ मुहूर्त समाहित हैं, यहीं कारण है कि इन योगों में कभी भी कोई भी नया काम शुरू किया जा सकता है। इन नए कामों की सूची में शुभारंभ, यात्रा, गृह प्रवेश आदि सभी काम शामिल हैं। 
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अमृत सिद्धि तिथि 
कहा जाता है कि अमृतसिद्धि योग रवि को हस्त, सोम को मृगशिरा, मंगल को अश्‍विनी, बुध को अनुराधा और गुरु को पुष्य नक्षत्र का संबंध होने से रविपुष्यामृत-गुरुपुष्यामृत नामक योग बनता है, जोकि बहुत ही शुभ माना जाता है। इस योग के बारे में कहा जाता है कि इस तिथि में शुरू किए काम हमेशा शुभ होते हैं कोई चाहे भी तो इसे रोक नहीं सकता।
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रवि योग तिथि 
इस योग के बारे में कहा जाता है कि ये सभी कामों के लिए शुभ हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि जिस तरह हिमालय का हिम यानि बर्फ सूर्य के उगने पर पिघल जाती है, सैकड़ों हाथियों के समूहों को अकेला एक सिंह (शेर) भगा देता है उसी तरह से रवियोग भी सभी अशुभ योगों को भगा देता है। इसका मतलब है इस योग में सभी काम निर्विघ्न पूरे होते हैं।
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त्रिपुष्कर और द्विपुष्कर तिथि 
ज्योतिष शास्त्र में त्रिपुष्कर और द्विपुष्कर योग खास और कीमती वस्तुओं की खरीददारी के लिए शुभ माने जाते हैं। एेसा कहा जाता है कि इन योगों में खरीदी गई वस्तु नाम अनुसार भविष्य में दोगुनी व तिगुनी हो जाती है। इसलिए इन योगों में कीमती वस्तुएं खरीदनी चाहिए। इसके विपरीत अगर इन योगों में कोई चीज़ बेची जाए या कोई वस्तु गुम हो जाए तो भविष्य में दोगुनी या तिगुना नुकसान होता है इसलिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
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Jyoti

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