Kundli Tv- काल भैरव जयंती पर है इस विशेष पूजा का विधान

punjabkesari.in Wednesday, Nov 28, 2018 - 06:25 PM (IST)

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29 नवंबर 2018 यानि अगहन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भैरव जयंती का पर्व मनाया जाएगा। काल भैरव भगवान शिव के अवतार हैं। कहा जाता है कि इनकी पूजा से जीवन से हर तरह की नकारात्क ऊर्जा, जादू-टोने, भूत-प्रेत आदि से छुटकारा मिलता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इन्हें प्रसन्न कर व्यक्ति विभिन्न लाभ पा सकता है, जैसे- जीवन में सफलता, रुके हुए काम में सफलता, बीमारियां और दरिद्रता का दूर होना आदि। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि अगर किसी जातक की कुंडली में शनि और राहु की स्थिति अशुभ हो तो उसे कालभैरव को खुश करने के उपाय करने चाहिए। इनके प्रकोप से शनि और राहु का बुरा संकट टल जाता है।

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यहां जानें काल भैरव जयंती के मौके पर आपको क्या-क्या उपाय करने चाहिए, जिससे बाबा काल भैरव की कृपा आप पर हो सके।  

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इस दिन सुबह जल्दी उठकर, स्नानादि करके प्राचीन भैरव मंदिर में जाएं। वहां जाकर इनका दूध से अभिषेक करें। माना जाता है कि ऐसा करने से काल भैरव अधिक प्रसन्न होते हैं।


भैरव जी की प्रतिमा के आगे तेल का दीपक जलाएं, इसके बाद उन्हें इमरती और मदिरा का भोग अवश्य लगाएं।
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इस दिन भैरव के मंदिर में जाकर उड़द और सिद्ध एकाक्षी श्रीफल को अर्पित करते हुए उनसे अपनी मन्नत पूरी होने की मनोकामना करें।


मन्नत की पूर्ति के लिए पूरे विधि-विधान के साथ भैरवनाथ को उनकी प्रिय वस्तुएं रोली, सिंदूर, रक्तचन्दन का चूर्ण, लाल फूल, गुड़, उड़द का बड़ा, धान का लावा, ईख का रस, तिल का तेल, लोहबान, लाल वस्त्र, भुना केला और सरसों का तेल आदि ज़रूर चढ़ाएं।
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हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भैरव जी की सवारी काला कुत्ता है। इसलिए इसदिन इसे प्रसन्न करना न भूलें। इसके लिए किसी भी काले कुत्ते को कच्चे दूध के साथ इमरती ज़रूर खिलाएं।
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Jyoti

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