‘धर्म संसद’ में साधु-संतों ने लगाए गंभीर आरोप, कहा-मंदिरों के नाम पर सत्ता में आई BJP

punjabkesari.in Monday, Nov 26, 2018 - 02:04 PM (IST)

वाराणसीः उत्तर प्रदेश की प्राचीन धार्मिक नगरी वाराणसी में तीन दिवसीय ‘धर्म संसद’ में साधु-संतों ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। काशी के सीर गोवर्धन में चल रही परमधर्म संसद 1008 में साधु-संतों ने कहा कि बीजेपी मंदिरों के नाम पर सत्ता में आई है। इतना ही नहीं धार्मिक-सामाजिक संगठनों से जुड़ी अनेक प्रसिद्ध हस्तियों ने केन्द्र समेत विभिन्न राज्यों की बीजेपी सरकारों को गाय, गंगा और मंदिरों के नाम पर देश की जनता के साथ धोखा देने का आरोप लगाया।  

‘धर्म संसद’ के प्रथम दिन रविवार को साधु संतों ने वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर कोरिडोर निर्माण के लिए कथित तौर पर सनातन मंदिरों को तोड़ने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। 27 नवंबर तक चलने वाले इस ‘धर्म संसद’ में देशभर के मंदिरों, पवित्र गंगा नदी एवं गाय की रक्षा के संकल्प के साथ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुआ।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने धार्मिक नगरी में ‘धर्म संसद’ के आयोजन का औचित्य बताते हुए कहा कि समाज के विशिष्ट लोगों का आचरण अनुकरनीय होता है। इस धर्म संसद में 1008 धर्म प्रतिनिधि देश के 100 करोड़ से अधिक लोगों के प्रतिनिधि के तौर पर आए हैं। यहां से जाने के बाद तमाम प्रतिनिधि अपने स्तर पर समाज एवं धर्म के हित में लोगों को संदेश देंगे, जिससे एक बेहतर समाज का निर्माण करने में मदद मिलेगी। वहीं गुजरात के कई साधु-संतों ने आरोप लगाया कि विकास के नाम पर गुजरात में 200 से अधिक मंदिरों को तोड़ा गया। धर्म संसद 1008 साधु-संतों एवं विभिन्न धार्मिक तथा सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में देश भर के मंदिरों, गंगा और गाय की रक्षा का एक स्वर से प्रस्ताव पास किया गया।


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Ruby

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