Kundli Tv- जानिए, हिंदू धर्म में क्या है अगहन महीने का महत्व?

punjabkesari.in Saturday, Nov 24, 2018 - 01:40 PM (IST)

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हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के बाद पढ़ने वाले माह को अगहन का महीना कहा जाता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार इस माह को मार्गशीर्ष के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन आज भी हम में एेसे बहुत से लोग होंगे जिन्हें इस बारे में जानकारी नहीं होगी कि अगहन के महीने को मार्गशीर्ष का माह क्यों माना जाता है। वैसे तो हिंदू पंचांग में हर महीने का अपना अलग महत्व है। लेकिन शास्त्रों में इस महीने को बहुत ही खास माना गया है। क्योंकि धार्मिक नज़रिए से भी इस महीने को बहुत ही पवित्र माना गया है। तो वहीं ज्योतिष के अनुसार अगहन का महीना व्रत, स्नान और पूजा-पाठ करने से भगवान कृष्ण की कृपा मिलती है।
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कैसे पड़ा मार्गशीर्ष नाम
पौराणिक मान्यताओं की मानें तो अगहन मास को मार्गशीर्ष कहने के पीछे भी कई कारण हैं जिनमें से एक के मुताबिक श्रीकृष्ण की पूजा अनेक स्वरूपों में और अनेक नामों से की जाती है। इन्हीं स्वरूपों में से एक मार्गशीर्ष भी है जो श्रीकृष्ण का ही एक रूप है।
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इसके अलावा कुछ किवदंतियों के अनुसार शास्त्रों में कहा गया है कि इस माह का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से है। ज्योतिष में बताया गया है कि कुल 27 नक्षत्र होते हैं जिसमें से एक है मृगशिरा नक्षत्र होता है। कहते हैं कि इस माह की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है। इसी वजह से इस मास को मार्गशीर्ष मास के नाम से जाना जाता है।
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भागवत में श्रीकृष्ण ने भी स्वयं कहा है कि सभी महीने में मार्गशीर्ष उनका ही स्वरूप है। इस महीने में श्रद्धा और भक्ति से प्राप्त पुण्य के बल पर व्यक्ति को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। इस दौरान नदी में स्नान और दान-पुण्य करने का खास महत्व है।

मान्यता है कि श्रीकृष्ण ने गोपियों मार्गशीर्ष मास की महत्ता को बताते हुए कहा था कि  मार्गशीर्ष माह में यमुना स्नान से मैं सहज ही सभी को प्राप्त हो जाऊंगा। कहते हैं कि तभी से इस माह में नदी स्नान का खास महत्व है।
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अगहन के महीने में ज़रूर करें ये काम-
स्कंद पुराण में कहा गया है कि भगवान की कृपा पाने के लिए घर पर रखी भागवत को पूजा-पाठ के दौरान दिन में एक बार तो ज़रूर प्रणाम करें।
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मान्यता है कि जो व्यक्ति मार्गशीर्ष मास में ब्रह्रा मुहुर्त में तीन दिन तक किसी पवित्र नदी में स्नान करता है उस पर भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है।

अगहन मास में गायत्री मंत्र का जाप करने से भी नंदलाल की कृपा होती है। 
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मार्गशीर्ष महीने में नदी स्नान के लिए तुलसी की जड़ की मिट्टी और  तुलसी के पत्तों से स्नान करना चाहिए और स्नान के समय ॐ नमो नारायणाय या गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए।
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Jyoti

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