गुरु नानक जयंती से पहले मोदी सरकार की सिख समुदाय को बड़ी सौगात, खुलेगा करतारपुर कॉरिडोर

punjabkesari.in Thursday, Nov 22, 2018 - 05:14 PM (IST)

नर्इ दिल्लीः  भारत पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर गलियारे का विकास करेगा, ताकि पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने वाले सिख श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि एक महत्वपूर्ण निर्णय में कैबिनेट ने गुरदासपुर से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर कॉरिडोर के विकास को मंजूरी प्रदान कर दी। करतारपुर कॉरिडोर परियोजना के लिए केंद्र सरकार फंड देगी और वहां सभी आधुनिक सुविधाएं मुहैया करायी जाएंगी। इस संबंध में पाकिस्तान से भी उसके इलाकों में उपयुक्त सुविधाओं से लैस कॉरिडोर के विकास का आग्रह किया जाएगा।  

The Kartarpur corridor will provide smooth and easy passage to pilgrims to visit Gurdwara Darbar Sahib throughout the year. Government of Pakistan will be urged to reciprocate and develop a corridor with suitable facilities in their territory.

— राजनाथ सिंह (@rajnathsingh) November 22, 2018


राजनाथ सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान सरकार से अपील की जाएगी कि उनके क्षेत्र में श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लिए इलाके को विकसित किया जाए और श्रद्धालुओं को सुविधा मुहैया कराई जाए। यह कॉरिडोर गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक बनाई जाएगी। इसके साथ ही सुल्तानपुर लोधी को ऐतिहासिक हेरिटेज के रूप में विकसित करने का फैसला लिया गया। गुरु नानक देव जी का मानवता, शांति और भाईचारे का संदेश दुनिया भर के लिए है। राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान सरकार से कहा गया है कि इसका सकारात्मक जवाब दें।

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करतारपुर साहिब तक गलियारे के निर्माण के लिए पाक से अपील
करतारपुर साहिब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित है और एक गलियारे के निर्माण की मांग बहुत समय से की जा रही है जो इसे पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से जोड़े। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि भारत ने सिख समुदाय की भावनाओं को देखते हुए गलियारे के निर्माण को लेकर पाकिस्तान सरकार से संपर्क किया। अगले वर्ष गुरू नानक देव की 550वीं जयंती मनाने के लिए कैबिनेट द्वारा बृहस्पतिवार को स्वीकृत किए गए प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया। उन्होंने कहा, हमने पाकिस्तान सरकार का रुख कर सिख समुदाय की भावनाओं को समझने और अपनी सीमा में उचित सुविधाओं युक्त एक गलियारे के निर्माण की अपील की जिससे कि साल भर भारत से करतारपुर साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों की आवाजाही को आसान एवं सुगम बनाया जा सके।  

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सिद्धू ने उठाया था सबसे पहले मुद्दा
करतारपुर कॉरिडोर का मुद्दा सबसे पहले पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने उठाया था, जब वह इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से गले मिलने पर वे आरोपों से घिर गए थे। बाद में सिद्धू ने यह कहते हुए अपना बचाव किया था कि बाजवा ने उनसे करतारपुर साहिब मार्ग खोलने की बात कही तो उन्होंने उन्हें गले लगा दिया था।

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कैप्टन ने लिखा था सुषमा स्वराज को पत्र
वहीं, 10 नवंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने श्री करतारपुर साहिब मार्ग खुलवाने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर कहा था कि श्री करतारपुर साहिब सिखों की आस्था से जुड़ा है, इसलिए इस मार्ग को खोलने के लिए पाकिस्तान से बात की जाए। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने बार-बार केंद्र से अंतरराष्ट्रीय सीमा से करतारपुर साहिब तक एक गलियारा खोलने का मुद्दा पड़ोसी देश के समक्ष उठाने की अपील की है। 

 


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