माइग्रेटरी बर्ड्स की रिपोर्ट आई नेगेटिव, हर 10 दिन बाद लिए जाएंगे सैंपल

punjabkesari.in Thursday, Nov 22, 2018 - 11:42 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : चंडीगढ़ में माइग्रेटरी बर्ड्स की दस्तक के बाद से प्रशासन की सबसे बड़ी परेशानी बर्ड फ्लू को लेकर बनी हुई थी। मगर रीजनल डिजीज डायगनोस्टिक लैब्रोटरी, जालंधर से आई एक रिपोर्ट ने प्रशासनिक अधिकारियों की टैंशन कम कर दी है। यही वजह है कि अब सुखना लेक में माइग्रेटरी बर्ड्स  को अधिक से अधिक सहूलियत देने का काम चल रहा है। 

दरअसल विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रवासी पक्षी बर्ड फ्लू के कैरियर होते हैं इसलिए जब भी माइग्रेटरी बर्ड्स आते हैं तो उनकी पूरी जांच होनी चाहिए। यही वजह है कि प्रवासी पक्षियों के आते ही यू.टी. के एनिमल, हजबेंड्री एंड फिशरीज डिपार्टमैंट ने इनके सैंपल लेने भी शुरू कर दिए थे। ये सभी सैंपल जालंधर की लैब्रोटरी में भेजे गए थे लेकिन वहां से नेगेटिव रिपोर्ट आई है। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है। 

हालांकि यह शुरुआती जानकारी ही है लेकिन बावजूद इसके प्रशासन के सभी विभागों ने अपनी ओर से सर्विलांस का काम और तेज कर दिया है। खासकर उन एरिया को ज्यादा अहमियत दी जा रही है जो सुखना लेक के आसपास आते हैं। इसके साथ ही माइग्रेटरी बर्ड्स के सैंपल भी अब हर 10 दिन के बाद लिए जाएंगे।

वीड से निपटेंगी मछलियां :
पिछले कई वर्षों से वीड निकालने के लिए लाखों खर्च किए जा रहे हैं, मगर समस्या अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाई। यही वजह है कि अब वीड से निपटने के लिए यू.टी. के डिपार्टमैंट ऑफ फिशरीज ने लेक में लगभग 3000 रोहू, मृगाल और कतला फिश डाली गई हैं। 

इन फिश की खासियत यह है कि ये वीड की समस्या को काफी हद तक खत्म करने में मददगार साबित हो सकती हैं। डिपार्टमैंट के ज्वाइंट डायरैक्टर डॉ. कंवरजीत ने बताया कि सुखना लेक में वीड को पूरी तरह से खत्म करना जरूरी है। यही वजह है कि ऐसी इंडीजीनियस वैरायटी को ही इस साल लेक में डाला गया है जो वीड को खत्म कर सकें। इससे पहले लेक में कार्प प्रजाति की मछलियों को डाला गया था लेकिन उनसे वीड की समस्या हल नहीं हो पा रही थी। 

माइग्रेटरी बर्ड्स को न किया जाए फीड :
प्रशासन द्वारा सुखना लेक पर जल्द ही जागरुकता अभियान भी शुरू किया जाएगा। इसके तहत लोगों को बताया जाएगा कि लेक के किसी भी हिस्से से माइग्रेटरी बर्ड्स को फीड न किया जाए। हालांकि इसके लिए बकायदा बोर्ड भी लगाए गए हैं। अब प्रशासन लोगों तक यह बात पहुंचाने की प्लानिंग कर रहा है कि फीड करने के क्या-क्या नुक्सान हो सकते हैं।


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Priyanka rana

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