MP Election: मनमोहन का BJP पर वार, रिमोट से नहीं चलती थी मेरी सरकार

11/21/2018 3:59:22 PM

इंदौर: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को इंदौर में मीडिया से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया है। पूर्व पीएम ने केंद्र सरकार पर रोजगार का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम सबको साथ लेकर चले, यही कारण है कि सरकार और पार्टी के बीच किसी तरह का कोई अंतर नहीं रहा।

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मोदी सरकार पर हमला...

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, 2014 में मोदी ने हर साल देश में 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन आज वह वादा पूरा नहीं किया जा सका। श्रम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, हर तिमाही में महज कुछ हजार ही नौकरी मिल सकी हैं। राफेल डील को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया और कहा कि राफेल मामला, दाल में काला ही काला नजर आता है। इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।जांच के लिए जेपीसी गठित की जाए। इसकी बाद उन्होंने सरकार के नोटबंदी के फैसले पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह एक सुनियोजित लूट थी। 

राज्य सरकार पर भी साधा निशाना...

  • मनमोहन सिंह ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, मध्य प्रदेश में किसानों की समस्याएं बहुत ज्यादा है। राज्य सरकार किसानों की समस्या पूरा करने में नाकाम रही है।
  • राज्य में व्यापम जैसा महाघोटाला हुआ।
  • उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कभी भी किसी भी सरकार के साथ भेदभाव नहीं किया था हमने मध्य प्रदेश के साथ कभी भेदभाव नहीं किया, शिवराज सिंह चौहान इसके गवाह हैं।
  • मध्यप्रदेश हिन्दुस्तान का दिल है। मध्यप्रदेश के लोगों से कांग्रेस पार्टी का अटूट प्रेम व जुड़ाव देश की आजादी की लड़ाई से आज तक निरंतर बना रहा है।
  • मध्यप्रदेश में पिछले साल सूखा पड़ा था किसानों को मात्र 4.70 रुपए से लेकर 194 रूपए के बीच भुगतान मिला।
  • राज्य में पीएमएफबीवाई मे नामांकित 69 लाख किसानों में से केवल 16 लाख को ही इसका फायदा मिला।
  • फसल बीमा योजना लागू किए जाने के बाद से इस योजना के अंतर्गत आने वाले किसानों की संख्या में केवल 0.42% की वृद्धि हई, जबकि कंपनियों को दी जाने वाली प्रीमीयम राशी 350% बढ़ गई।
  • इस योजना के क्रियान्वयन के केवल एक साल बाद ही 85 लाख किसान योजना से बाहर निकल गए।
  • एमपी में 90 हजार से ज्यादा बच्चे अपने पहले जन्मदिन मनाने के लिए भी नहीं रहते हैं। 
  • बच्चों के खिलाफ अपराधों की बहुत अधिक घटनाएं सामने आई हैं और लापता बच्चों की संख्या बहुत बड़ी चिंता का स्रोत है।  

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Vikas kumar

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