सर्वें मे खुलासा, तत्काल टिकट से सबसे ज्यादा परेशान हैं रेल यात्री

punjabkesari.in Wednesday, Nov 21, 2018 - 04:19 PM (IST)

बिजनैस डेस्कः सोशल मीडिया कंपनी लोकल सर्किल द्वारा देश भर के 200 जिलों में करीब 27 हजार से अधिक लोगों से बात करने बाद एक सर्वे तैयार किया है जिसमें ये स्पष्ट हुआ कि देश भर में 74 फीसदी रेल यात्री तत्काल टिकट के बढ़ते दामों से परेशान हैं  इसके अलावा ट्रेनों की लेटलतीफी और खराब खाने की वजह से भी लोग रेलवे से नाराज चल रहे हैं, क्योंकि तमाम दावों के बावजूद इनमें किसी तरह का कोई सुधार देखने को नहीं मिला है। कंपनी ने जिन मुद्दों पर यह सर्वे किया उनमें खाने-पीने के सामान की गुणवत्ता, फ्लेक्सी फेयर, ट्रेनों की लेटलतीफी, टिकट रद्दीकरण शुल्क आदि शामिल हैं। सर्वें ंमें इन बातों का खुलासा हुआः 
train ticket booking

  • सर्वे के अनुसार, पिछले एक साल में रेलवे चाहे जितना भी दावे कर ले कि ट्रेनें सही समय पर चलने लगी है, लेकिन ऐसा धरातल पर सही नहीं है। अभी भी कोहरे के कारण अधिकांश ट्रेनें 1 से लेकर के 12-15 घंटे तक लेट होती हैं। 31 फीसदी यात्री ही केवल ट्रेन सही समय पर चलने की बात कह रहे हैं।
  • सर्वे में 46 फीसदी यात्रियों ने कहा कि खाने-पीने के सामान की गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है। हालांकि लोगों को रेस्टोरेंट जैसा खाना तो नहीं मिल रहा है, लेकिन इसके बाद भी आप इसे खा सकते हैं। 31 फीसदी यात्रियों ने कहा कि खाने की गुणवत्ता पहले से भी और खराब हो गई है। 
  • यात्रियों का कहना है कि तत्काल टिकट को बुक कराने और रद्दीकरण पर उनकी ज्यादा जेब कटती है। 74 फीसदी यात्रियों ने कहा कि तत्काल टिकट का दाम बहुत ज्यादा है। केवल 5 फीसदी लोगों ने कहा कि टिकट का दाम काफी कम है वहीं 80 फीसदी यात्रियों का कहना है रेलवे टिकट रद्दीकरण पर जो शुल्क काटता है वो काफी ज्यादा है। यात्रियों ने रेलवे से कहा है कि वो रद्दीकरण शुल्क को कम करें, जिससे यात्रियों की जेब ज्यादा न कटे। 

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  • 44 फीसदी यात्रियों का कहना है कि रेलवे सफर के दौरान अभी भी सुरक्षा को लेकर के गंभीर नहीं हुई है। इसका प्रमाण है हादसे, जो लगातार हो रहे हैं। केवल 18 फीसदी यात्रियों का कहना है कि एक साल में कुछ सुधार दिखा है। 
  • स्वच्छ भारत अभियान से देश के रेलवे स्टेशनों पर साफ सफाई की सुविधा में इजाफा हुआ है। सर्वे में 38 फीसदी यात्रियों ने माना कि स्थिति में काफी सुधार हुआ है। वहीं 39 फीसदी ने कम सुधार, 18 फीसदी ने नहीं हुआ सुधार और 5 फीसदी यात्रियों ने कहा कि साफ सफाई पहले से भी खराब हो गई है। 
  • सर्वे में 61 फीसदी पुरुष और 39 फीसदी महिलाओं ने भाग लिया था। इस सर्वे में 48 फीसदी यात्री मेट्रो शहरों से, 30 फीसदी टियर टू शहरों से और 22 फीसदी देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले यात्रियों ने भाग लिया था। 

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Isha

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