अनुसूचित और पिछड़ी जातियों के विद्यार्थियों को भरनी पड़ रही पूरी परीक्षा फीस

punjabkesari.in Wednesday, Nov 21, 2018 - 10:31 AM (IST)

शेरपुर(अनीश): राज्य में अनुसूचित और पिछड़ी श्रेणियों के विद्यार्थियों और अभिभावकों में दसवीं कक्षा की वाॢषक परीक्षा की बोर्ड फीस में पंजाब सरकार की तरफ से कोई छूट न दिए जाने पर भारी रोष पाया जा रहा है। 

पंजाब सरकार नहीं ले रही है कोई फैसला
जो कैटेगरियों के छात्रों के साथ हो रहा है इससे यह साफ होता है कि पंजाब सरकार ने अभी तक एस.सी./बी.सी. विद्यार्थियों को फीस में छूट देने संबंधी कोई फैसला नही लिया जिस कारण एस.सी./बी.सी विद्यार्थियों को पूरी फीसें भरनी पड़ रही हैं। क्या है मामला

इस संबंधी शहीद बाबा जीवन सिंह फाऊंडेशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष और चेयरमैन भीम राव अम्बेदकर ट्रस्ट जगसीर सिंह ने बताया कि पहले विद्यार्थियों को 400 रुपए फीस भरने की बात कही गई थी परंतु अब 1200 रुपए लिए जा रहे हैं जोकि एस.सी. और बी.सी. विद्यार्थियों के साथ सरासर धक्का है। उन्होंने बताया कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की वैबसाइट और एडिड स्कूल और सरकारी स्कूल के मुखियों को जारी पत्र में साफ तौर पर लिखा है कि किसी भी श्रेणी को बोर्ड फीस में कोई छूट नही दी जाएगी और पूरी फीस ली जाएगी, भविष्य में यदि इस राशि की पूॢत पंजाब सरकार की तरफ से की जाती है तो राशि स्कूल, परीक्षार्थियों को वापस कर दी जाएगी। 

विभाग से मिले पत्र के अनुसार ली जा रही हैं फीसें
इस संबंधी सरकारी हाई स्कूल घनौर कलां के मुख्याध्यापक करमजीत सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों से 800 रुपए परीक्षा फीस और 100 रुपए प्रयोगी फीस ली जा रही है और विभाग की तरफ से मिले पत्र अनुसार ही फीस ली जा रही है। छूट संबंधी अभी तक उनको कोई पत्र प्राप्त नही हुआ है। 

मुख्यमंत्री से करेंगे इस विषय पर बात
जब इस संबंधी कांग्रेस पार्टी के विधायक दलवीर सिंह गोल्डी के साथ बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वह शिक्षा विभाग से जानकारी लेकर ही कुछ बता सकते हैं और यदि फीस में छूट नही दी जा रही तो वह पंजाब के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के ध्यान में मामला लाएंगे। - 

पंजाब सरकार हर स्तर पर फेल
जब इस संबंधी आम आदमी पार्टी के प्रधान और लोकसभा हलका संगरूर के सांसद भगवंत मान के साथ बातचीत की तो उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार हर स्तर पर फेल हो चुकी है, अध्यापकों की तनख्वाहें घटाई गई हैं अब वह दलित बच्चों का हक भी मार रही है, दूसरी ओर सरकार के पास लगजरी गाडियां खरीदने के लिए तो पैसे हैं परंतु गरीब और दलित वर्ग के लिए खजाना खाली हो जाता है।  

अभी मेरे पास नहीं है कोई जानकारी
जब इस संबंधी जिला शिक्षा अफसर के साथ बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वह कोर्ट केस में व्यस्त हैं और रिकार्ड देखकर ही कुछ बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड की तरफ से जो हिदायतें जारी की गई हैं उस अनुसार ही फीस भरवाई जा रही है, फिर भी वह स्कूल प्रमुख से इस संबंधी रिपोर्ट हासिल करेंगे। 


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swetha

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