पैरीफेरी में मैरिज पैलेसों में तेज आवाज में म्यूजिक, हाईकोर्ट ने लिया सुओ मोटो

punjabkesari.in Wednesday, Nov 21, 2018 - 08:34 AM (IST)

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): चंडीगढ़ के पैरीफैरी में पंजाब और हरियाणा के  मैरिज पैलेसों और फार्म हाऊसों में विवाह समारोह में तेज आवाज में म्यूजिक बजने पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सुओ-मोटो लिया है। जस्टिस जी.एस. संधावालिया ने कहा कि यह सुओ-मोटो इसलिए लेना पड़ा क्योंकि नयागांव, कांसल, मोहाली समेत कैंबवाला रिजव्र्ड फॉरैस्ट के साथ लगता है जहां नेपली और कांसल वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरीज हैं, वहां तेज आवाज में एंप्लीफायर बजता है। वहीं सुखना लेक के साथ लगते सकेतड़ी में भी इसी प्रकार की समस्या है।

शक्तिशाली लोगों के फार्म हाऊस, छोटे रैंक के पुलिसकर्मी निर्देशों को लागू करवाने में कतरा रहे
हाईकोर्ट ने कहा है कि चंडीगढ़ प्रशासन को नाईस कंट्रोल मुद्दों पर कार्रवाई का क्रेडिट दिया जा सकता है। वहीं पंजाब और हरियाणा इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई में पिछड़े हुए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि यह साफ है कि इन गांवों में बड़े और शक्तिशाली लोगों के फार्म हाऊस हैं और छोटे रैंक के पुलिसकर्मी निर्देशों को लागू करवाने में कतराते हैं क्योंकि ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित करवाने वालों और फार्म हाऊस वालों के ऊपर तक कनैक्शन होते हैं। 

एस.एस.पी. एफिडैविट फाइल करें, बताएं ध्वनि प्रदूषण की कितनी शिकायतें आईं
हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि एस.एस.पी. चंडीगढ़ एफिडैविट देकर बताएं कि ध्वनि प्रदूषण को लेकर दो दिन में कितनी शिकायतें आईं और एस.एस.पी. मोहाली को आगे उचित संचार के लिए क्या प्रयास किए। वहीं एस.एस.पी. मोहाली व एस.एच.ओ. नयागांव भी एफिडैविट देकर बताएं कि उन शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गई। इसके अलावा पंजाब के संबंधित गांंवों के एस.एच.ओ. भी एफिडैविट दायर कर जानकारी देंगे कि कहां-कहां ऊंचा म्यूजिक बज रहा है और इन तिथियों में किन आयोजकों ने ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए। 

क्या चुने हुए प्रतिनिधि नियंत्रण से बाहर हैं: हाईकोर्ट
15/16 नवम्बर की रात को सुबह 3.45 बजे तक म्यूजिक  बजने की भी शिकायतें आई है। वह कार्यक्रम कांसल की एक एम.सी. के बेटे की शादी का बताया गया था। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे में सवाल पैदा होता है कि  क्या ऐसे चुने हुए प्रतिनिधि किसी नियंत्रण से बाहर हैं और उनका देश के बाकी नागरिकों व गांवों के लोगों जिनमें चंडीगढ़ के लोग भी शामिल हैं व वाइल्ड लाइफ के लिए पूरी तरह अनादर है। ऐसे में इस मुद्दे को जनहित का मुद्दा मान कर इसे चीफ जस्टिस की बैंच में भेजे जाने की जरुरत है ताकि इसे रोस्टर के हिसाब से डिविजन बैंच में सुना जा सके और उचित्त दिशा-निर्देश जारी हो सकें क्योंकि वैडिंग सीजन आने से ध्वनि प्रदूषण और अधिक बढऩे की उम्मीद है। 

इन अफसरों को बना लिया मामले में पार्टी, 26 को सुनवाई
मामले में पंजाब व हरियाणा को इनके होम सैक्रेटरीज के जरिए प्रतिवादी नंबर 1 व 2 बनाया जाता है। वहीं चंडीगढ़ प्रशासन अपने होम सैक्रेटरी के जरिए प्रतिवादी नंबर 3 होगा। वहीं चंडीगढ़ के डी.सी., मोहाली व पंचकूला के डी.सी. प्रतिवादी 4,5 व 6 होंगे। इसी तरह आगे के प्रतिवादियों के रूप में चंडीगढ़, मोहाली व पंचकूला के एस.एस.पी. होंगे। एस.एच.ओ. नयांगांव भी प्रतिवादी होगा। 26 नवम्बर को केस की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस को भेजा गया है। आदेशों की कॉपी पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ को भेजी गई है।


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bhavita joshi

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