कानूनी लड़ाई लड़कर जीती बाल विवाह की जंग, अपनी पसंद से की शादी (Video)

punjabkesari.in Thursday, Nov 22, 2018 - 08:01 PM (IST)

पानीपत (अनिल कुमार): बाल विवाह के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़कर अपनी मर्जी से शादी करने वाली एक लड़की की इन दिनों पानीपत में काफी चर्चा हो रही है। दरअसल, 18 साल की शशि की आठ साल पहले शादी कर दी गई थी। करीब डेढ़ साल पहले ससुराल पक्ष के लोग उसे लेने आए तो उसने जाने से मना कर दिया। इसके बाद मामला कोर्ट में गया, जहां कानूनी लड़ाई लड़ कर शशि ने सोमवार को अपने पसंद के लड़के से शादी की। इस दौरान शशि का इस लड़ाई में पूरे परिवार ने साथ दिया।

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2008 में परिवार वालों ने शशि की शादी इसलिए कर दी, क्योंकि घर में उसके चाचा का रिश्ता कहीं पक्का नहीं हो रहा था। इसलिए बीच का रास्ता निकाला गया और चाचा के साथ जिस लड़की की शादी होने वाली थी, उसके भाई से शशि का रिश्ता पक्का किया गया, क्योंकि लड़की वालों की यही शर्त थी। तब शशि की उम्र महज आठ साल थी। तब शशि शादी का मायने भी नहीं जानती थी, लेकिन बदलते वक्त के साथ पता चल गया था कि उसका बाल विवाह हुआ था, जिसकी चर्चा भी शशि को पसंद नहीं थी।

शशि जब पिछले साल 11वीं में थी, तभी उसके स्कूल में बाल विवाह पर सेमिनार हुआ, जिसमें बताया गया कि बाल विवाह कुप्रथा है, इसको तोड़ा भी जा सकता है। उसने तभी तय कर लिया कि उस शादी को नहीं मानूंगी। कुछ ही दिन बाद ससुराल वाले उसे अपने घर ले जाने के लिए दबाव बनाने लगे। तब शशि ने अपने पिता से साफ कह दिया कि वह उस घर में नहीं जाएगी।

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मार्च 2017 में उसने पिता के साथ जाकर महिला संरक्षण एवं बाल विवाह में शिकायत की। ससुराल वालों को बुलाया गया, लेकिन वे नहीं माने। मई 2017 में कोर्ट में शादी खत्म करने के लिए केस दायर किया। 14 माह की लड़ाई के बाद 16 जुलाई, 2018 को कोर्ट ने बाल विवाह मानते हुए शादी को रद्द कर दिया। कानूनी लड़ाई लडऩे के दौरान कई तरह से दबाव डाले गए। वहीं, उसकी चाची को उसके मायके वाले यह कह कर वापस ले गए कि जब तक शशि उनके घर नहीं आएगी, तब तक वे उसे भी नहीं भेजेंगे। उसके चाचा से रिश्ता तोड़ने तक की बात कही गई।

इस मामले में शशि के पिता के करनाल स्थित घर पर उसे ससुराल भेजने के लिए पंचायत हुई। पंचायत की नहीं मानी तो परिवार को समाज से बेदखल कर दिया गया। पुश्तैनी जमीन को भी हड़प लिया गया। इस पूरी लड़ाई में पिता ने पूरा साथ दिया। इसके चलते उन्हें समाज से अलग कर दिया गया और उनकी 360 गज जमीन को भी परिवार के लोगो ने हड़प लिया। पिता बलकार ने गांव के सरपंच से बात गई, लेकिन सरपंच ने भी लड़की को ससुराल भेजने की बात पर जोर दिया।

इस समय बलकार पानीपत में अपने परिवार के साथ एक किराये के मकान में रह रहा है। वह अपने व अपनी बेटी के इस फैसले से काफी खुश है, वहीं शशि की मां भी इस फैसले से काफी खुश है। उन्हें अपनी बेटी की खुशी के लिए जमीन जाने का कोई गम नहीं है।


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Shivam

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