अमृतसर रेल हादसा: 1 महीने बाद भी जख्म ‘बिलख’ रहे, ‘सिसक’ रहे गोद लिए घर

punjabkesari.in Tuesday, Nov 20, 2018 - 04:41 PM (IST)

अमृतसर(सफर, जशन) : अमृतसर में रेल की पटरी पर हुए भीषण ट्रेन हादसे के करीब एक महीने बाद भी पीड़ितों के जख्म हरे है। उस खौफनाक मंजर को याद करते हुए आज भी हर किसी का दिल दहल उठता है। 

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पीड़ित करण ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि 16 दिसम्बर को जन्म दिन है। उसने सोचा था कि 2019 का वैलकम व जन्म दिन दोनों 1 साथ किसी हिल स्टेशन पर परिवार के साथ मनाने जाएगा, लेकिन रेल हादसे की भगदड़ व अपनों को बचाते लाशों के नीचे ऐसा दबा कि जब निकाला गया तो बेहोश था और एस्कार्ट में पसली, हाथ-पैर की टूटी हड्डिय़ों का इलाज चला। अब घर पर हैं कहता है कि इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। करण का भाई रोहित कहता है कि सिद्धू साहिब ने करीब 25 दिन पहले 50 हजार का चैक दिया था, बैंक वालों ने कहा कि चैक कैश करवाने के लिए पहले करण के नाम पर नया खाता खोलने के लिए 10 हजार रुपए जमा करवाना पड़ेगा, मैंने 10 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज लेकर 10 हजार रुपए 5 दिन पहले जमा करवा दिए हैं लेकिन अभी तक चैक कैश नहीं हुआ है। 

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‘क्या करना है 15 लाख का...’
रेल हादसे में पत्नी कर्मजोत कौर (23), मां निर्मला देवी (48) व बहन नीतू (26) को खो चुके रवि कुमार इतना मानसिक परेशान हो चुका है। वह कहता है कि ‘क्या करना है 15 लाख का, क्या करूंगा जब परिवार ही नहीं रहा। 22 मई 2018 को शादी हुई पहला दशहरा ही पत्नी को लील गया, दीवाली कहां मनाते। दिल करता है कि मौत को गले लगा लूं। हालांकि ‘पंजाब केसरी’ संवाददाता ने रवि कुमार को तर्क देकर समझाया तो रवि ने वादा किया कि वह रेल हादसे में पीड़ित लोगों के भले के लिए काम करेगा। बता दें, जौड़ा फाटक पर बीते 19 अक्तूबर दशहरा के दिन हुए रेल हादसे में अपनों को खो चुके ऐसे परिवार सिद्धू व मिट्ठू परिवार का इंतजार करता रहा जिसे पंजाब के निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने गोद लिया है। ‘पंजाब के सरी’ ने हादसे के 1 महीने बाद जाना जमीनी हकीकत तो रौंगटे खड़े हो गए सच जानकर। आप भी जानेंगे तो यही कहेंगे कि सिस्टम के साथ-साथ सियासत को भी वादों पर कायम रहना चाहिए। वहीं लोगों को भी कानून मानना चाहिए वरना रेल हादसे होते रहेंगे, अहंकार का रावण जलता रहेगा। 

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हम नहीं सुधरेंगे 
ठीक 1 महीने बाद। जौड़ा फाटक की वही खूनी पटरी को क्रास करने वालों को ‘पंजाब केसरी’ ने जब रोक कर रेल एक्ट के नियमों के तहत गंभीर अपराध बताते हुए कम से कम 6 महीने की जेल की बात कही तो कई लोगों ने पटरी क्रास नहीं की, जबकि कईयों ने हंसते हुए पटरी क्रास कर ली। 


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